महान गायिका लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन
सुरों की कोकिला मानी जाने वालीं लता मंगेशकर हाल में कोरोना वायरस की चपेट में आई थीं। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब एक दिल तोड़ने वाली खबर आई है। गायिका लता ने 92 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
लता की बहन उषा मंगेशकर ने की पुष्टि
लता की बहन उषा मंगेशकर ने समाचार एंजेसी PTI को बताया कि लता का निधन हो गया है। वह काफी समय से अपनी बहन और गायिका लता की देखभाल कर रही थीं। लता की तबीयत शनिवार से ही बिगड़ गई थी।
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मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण हुआ लता का देहांत
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण लता का देहांत हुआ है। ब्रीच कैंडी अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उनका निधन आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर हुआ। अब उनके पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क ले जाने की व्यवस्था की जा रही है, जहां लोग उन्हें सार्वजनिक तौर पर श्रद्धांजलि देंगे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद दिवंगत गायिका का अंतिम संस्कार संपन्न होगा।
ब्रीच कैंडी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने क्या कहा?
ब्रीच कैंडी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन संथानम ने कहा, "वह एक कोरोना की मरीज बनकर भर्ती हुई थीं। कोरोना का इलाज किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस की जटिलताओं के बाद उनका निधन हो गया।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी लता को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लता के निधन पर अपना दुख जताया है। उन्होंने अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा, 'मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे हमेशा लता दीदी से अपार स्नेह मिला है। उनके साथ मेरी बातचीत यादगार रहेगी। उनके परिवार से बातचीत की है और उन्हें अपनी संवेदना व्यक्त की है। ओम शांति।' नेताओं के साथ-साथ मनोरंजन जगत के तमाम हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है।
यहां देखिए प्रधानमंत्री मोदी का ट्विटर पोस्ट
2019 में भी बिगड़ी थी लता की सेहत
लता को 2019 में नवंबर महीने में भी सांस लेने में तकलीफ हुई थी। उस समय भी उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के ICU में भर्ती कराना पड़ा था। गायिका की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर ने जानकारी दी थी कि लता को वायरल इंफेक्शन हुआ था। हालांकि, शुभचिंतकों की दुआओं से सेहत में सुधार होने के बाद उस वक्त उन्हें कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। उस समय भी देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था।
कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं लता
लता के करियर की बात करें तो उनकी गायिकी का दुनिया दीवाना रहा। अपने सात दशक लंबे करियर में लता ने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गानें गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिया गया था। 1989 में लता को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल है। वह ना सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी बेहद लोकप्रिय हैं।
संघर्ष भरा रहा सुर कोकिला के लिए संगीत का सफर
लता का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर भी एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। पांच साल की उम्र में उन्होंने लता को संगीत सीखाना शुरू कर दिया था। उनके लिए संगीत का यह सफर आसान नहीं रहा। जब वह मात्र 13 साल की थीं, तो उनके पिता गुजर गए थे। शुरुआत में इंडस्ट्री में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें उनकी पतली आवाज के लिए आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।
'आपकी सेवा में' के जरिए लता की हिन्दी फिल्मों में हुई एंट्री
हिन्दी फिल्मों में लता की एंट्री तब हुई, जब उन्हें फिल्म 'आपकी सेवा में' गाने का मौका मिला। लता का सितारा पहली बार 1949 में चमका और इसी वर्ष उनकी चार फिल्में रिलीज हुईं जिनमें 'बरसात', 'दुलारी', 'महल' और 'अंदाज' शामिल है। 'महल' में उनका गाया गाना 'आएगा आने वाला' के बाद उनकी फैन फॉलोइंग में जबरदस्त इजाफा हुआ। 'दो बीघा जमीन', 'मदर इंडिया', और 'मुगल-ए-आजम' में गाए उनके गाने आज भी प्रशंसकों के जुबां पर हैं।