फिल्म 'आई एम कलाम' के लेखक संजय चौहान का निधन, लिवर की बीमारी से थे पीड़ित
बॉलीवुड से एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, 'आई एम कलाम' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों की कहानी लिख चुके जाने-माने लेखक संजय चौहान अब इस दुनिया में नहीं रहे। 60 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर से प्रशंसक आहत हैं। बॉलीवुड से लेकर उनके चाहनेवाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह लिवर से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे। आइए पूरी खबर जानते हैं।
12 जनवरी को मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस
ईटाइम्स के मुताबिक, भोपाल में पले-बढ़े संजय लिवर की पुरानी बीमारी से पीड़ित थे। 12 जनवरी को मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। आज दोपहर 12:30 बजे मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वह अपने पीछे पत्नी और एक बेटी छोड़ गए हैं। उनके खाते में 'पान सिंह तोमर' और 'आई एम कलाम' जैसी फिल्में हैं। लेखन बिरादरी के अधिकारों के लिए भी संजय ने सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी दी थी।
फिल्मफेयर जीत चुके हैं संजय
संजय ने दिल्ली में बतौर पत्रकार अपना करियर शुरू किया था। उसके बाद वह मुंबई चले आए और उन्होंने 1990 के दशक की सोनी टेलीविजन की हिट टीवी क्राइम सीरीज 'भंवर' की कहानी लिखी। फिल्म 'आई एम कलाम' में सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए उन्होंने फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किया। 'मैंने गांधी को नहीं मारा' और 'धूप' भी उनकी शानदार फिल्मों में शामिल हैं। 2003 में आई ओम पुरी की फिल्म 'धूप' से उनका स्क्रिप्ट राइटिंग का करियर शुरू हुआ था।
'भंवर' को मिल चुका है स्पेशल जूरी अवॉर्ड
1998 में आया 'भंवर' अपनी तरह का पहला अनूठा शो था, जो भारतीय न्याय व्यवस्था के ऐतिहासिक फैसलों से जुड़ा था। इसे स्क्रीन अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ इंवेस्टिगेटिव शो के लिए स्पेशल जूरी पुरस्कार भी मिला था। 2015 में इस शो का दूसरा सीजन आया था।
कई पुरस्कार जीत चुकी है उम्मीदों की उड़ान 'आई एम कलाम'
'आई एम कलाम' 2011 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के लिए अभिनेता हर्ष मायर को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। फिल्म पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित थी, जो दुनियाभर के कई प्रतिष्ठित फिल्मोत्सवों में दर्जनभर पुरस्कार बटोर चुकी है। यह फिल्म इस अवधारणा को तोड़ती है कि ऊंचे सपने देखने के लिए बड़े घरों में जन्म लेना जरूरी नहीं। इसकी कहानी संजय ने लिखी थी। संजय ने ही फिल्म के स्क्रीनप्ले का काम भी संभाला था।
'साहेब बीवी और गैंगस्टर' व पान सिंह तोमर' के सह-लेखक रहे संजय
संजय ने निर्देशक तिग्मांशु धूलिया के साथ मिलकर लोकप्रिय फिल्म 'साहेब बीवी और गैंग्स्टर' की कहानी भी लिखी। वह दिवंगत अभिनेता इरफान खान अभिनीत फिल्म 'पान सिंह तोमर' के सह-लेखक थे, जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इसका स्क्रीनप्ले भी उन्होंने ही दिया था। सुधीर मिश्रा की बेहतरीन फिल्म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' के डायलॉग्स का श्रेय संजय को जाता है। वह 2005 में आई थ्रिलर फिल्म 'सिसकियां' से बतौर स्क्रीनप्ले लेखक जुड़े थे।