अभिनेत्री तबस्सुम गोविल का 78 वर्ष की उम्र में निधन
जानीमानी अभिनेत्री और रेडियो प्रजेंटर तबस्सुम उर्फ किरण बाला सचदेव का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 78 वर्ष की थीं। खबर है कि उनका निधन शुक्रवार देर शाम दिल का दौरा पड़ने से हुआ। बता दें तबस्सुम लोकप्रिय अभिनेता अरुण गोविल के भाई विजय गोविल की पत्नी थीं। अभिनय के अलावा उन्होंने रेडियो और टीवी में बतौर प्रजेंटर भी काम किया था। उनके निधन से सिनेमा और टीवी जगत में शोक की लहर छा गई।
बाल कलाकार के रूप में शुरू किया था सफर
तबस्सुम का जन्म 1944 में हुआ था। उनका असल नाम किरण बाला सचदेव था। उन्होंने 1947 की फिल्म 'नरगिस' में बतौर बाल कलाकार काम किया था। लोकप्रिय फिल्म 'बैजू बावरा' में उन्होंने मीना कुमारी के किरदार के बचपन की भूमिका निभाई थी। तबस्सुम ने टीवी पर टॉक शो 'फूल खिले हैं गुलशन गुलशन' होस्ट किया था। यह भारत का पहला टॉक शो था। इन दिनों वह 'तबस्सुम टॉकीज' नाम का अपना यूट्यूब चैनल चला रही थीं।
इन फिल्मों में भी आईं नजर
तबस्सुम 'मंझधार', 'मेरा सुहाग', 'सरगम', 'मुगल-ए-आजम' जैसी फिल्मों में बतौर बाल कलाकार नजर आई थीं। उनकी आखिरी फिल्म 'स्वर्ग' थी। यह फिल्म 1990 में आई थी।
दो बार पड़ा दिल का दौरा
तबस्सुम के बेटे होशांग गोविल ने उनके निधन की पुष्टि की। शुक्रवार को उन्हें दो मिनट के अंदर दो बार दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनका निधन हो गया। शनिवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके बेटे ने मीडिया को बताया कि तबस्सुम की इच्छा थी कि उन्हें दफनाने से पहले किसी को उनकी मौत की खबर न दी जाए। होशांग ने बताया कि वह बिल्कुल स्वस्थ थीं और अगले हफ्ते एक शो की शूटिंग भी करने वाली थीं।
टीवी का भी चर्चित चेहरा रहीं तबस्सुम
तबस्सुम का टॉक शो 'फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन करीब 21 साल तक प्रसारित हुआ था। इस शो में लोकप्रिय कलाकारों के इंटरव्यू लिए जाते थे। इसके अलावा तबस्सुम स्टार प्लस के शो 'प्यार के दो नाम: एक राधा, एक श्याम' में नजर आईं। वह जीटीवी के स्टैंडअप कॉमेडी शो 'लेडीज स्पेशल' में बतौर जज नजर आईं। उन्होंने मशहूर पत्रिका 'गृहलक्ष्मी' में करीब 15 साल तक काम किया। उनपर कई गीत भी फिल्माए गए थे।
दिलचस्प है तबस्सुम के नामकरण की कहानी
रिपोर्ट्स के अनुसार तबस्सुम के पिता का नाम अयोध्यानाथ सचदेव था। उनकी मां का नाम असगरी बेगम था। उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे। वहीं मां एक पत्रकार और लेखिका थीं। पत्नी की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए उनके पिता ने उन्हें तबस्सुम नाम दिया था। वहीं उनकी मां ने अपने पति का मान रखते हुए उनको किरण बाला सचदेव नाम दिया। आधिकारिक दस्तावेजों में उनका नाम किरण ही दर्ज है।