#NewsBytesExplainer: फिल्मों की रिलीज के लिए अहम है प्रचार-प्रसार, जानिए समय के साथ हुआ कितना बदलाव
बॉलीवुड में बदलते दौर के साथ फिल्मों के प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान दिया जा रहा है। निर्माता भी फिल्मों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रमोशन के अनोखे तरीके अपनाते हैं। कभी वे रिलीज से पहले सितारों को सोशल मीडिया से दूर कर देते हैं तो कभी कोई गेम ले आते हैं। हाल ही में सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'योद्धा' का प्रचार BGMI की मदद से किया गया। ऐसे में जानते हैं कि प्रचार के तरीके कितने बदले गए हैं।
पहले 'योद्धा' के बारे में जान लीजिए
सिद्धार्थ, दिशा पाटनी और राशि खन्ना अभिनीत यह एक्शन-थ्रिलर फिल्म 15 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस ने इसके लिए प्रमोशन की अनोखी पहल शुरू की थी। दरअसल, इसके प्रमोशन के लिए बैटलग्राउंड इंडिया (BGMI) से सहयोग किया गया, जिसके बाद खिलाड़ी सिद्धार्थ को उनके योद्धा अवतार में गेम के अंदर देख पाए, वहीं वह बैनर में भी दिख रहे थे। साथ ही न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर भी फिल्म का प्रचार हुआ।
क्या है BGMI?
BGMI का मतलब है बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया, जो PUBG मोबाइल की तरह ही एक गेम है। इसमें कई सारे खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं। यह एक सर्वाइवल शूटर गेम है, जिसमें 100 खिलाड़ी बैटल रॉयल में आमने-सामने होते हैं। इसमें अब सिद्धार्थ भी दिखेंगे।
क्या है प्रमोशन और क्यों है इसकी जरूरत?
इसके नाम से ही साफ है कि इसका मतलब किसी चीज का प्रचार करना है। किसी भी फिल्म को दर्शकों के बीच लाने से पहले सितारे उसका प्रमोशन करते हैं। इसका उद्देश्य दर्शकों को फिल्म की जानकारी देकर उन्हें सिनेमाघरों तक लाने का होता है ताकि ज्यादा लोग इसे देख सके। फिल्म को जितने ज्यादा लोग देखेंगे, ये उतनी ही सफल साबित होगी। फिल्म के लिए जिस तरह निर्देशन, कलाकार और कहानी जरूरी है, उसी तरह प्रमोशन भी महत्वपूर्ण है।
पहले सामान्य तरीके से होता था प्रमोशन
पहले प्रमोशन फिल्म की रिलीज से कुछ हफ्तों पहले ही शुरू होता था। इसमें सिनेमाघरों, शहर और अखबार में फिल्म के पोस्टर छपते थे। ऑटो-रिक्शा पर भी पोस्टर को चिपका कर शहर में प्रचार किया जाता था तो कई बार स्पीकर से जानकारी दी जाती थी। उस दौर में फिल्मों की सफलता का पैमाना उसके सिनेमाघरों में चलने के दिनों पर निर्भर करता था। जैसे कोई फिल्म 100 दिन चलती थी तो उसकी सफलता के पोस्टर लगाते थे।
अब आ गया ये बदलाव
आज के समय में फिल्म का प्रचार उसकी शूटिंग से पहले ही शुरू हो जाता है, वहीं पहले शूटिंग के बाद इस पर ध्यान दिया जाता था। आज निर्माताओं के लिए प्री-शूट और पोस्ट-शूट मार्केटिंग दोनों पर ध्यान देना जरूरी हो गया है ताकि वो दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाए रखे। वे बीच-बीच में सेट से सितारों की तस्वीरें साझा करते हैं तो फिल्म से जुड़े अपडेट देते हैं। इससे फिल्म रिलीज होने तक चर्चा में बनी रहती है।
LED ने ले ली पोस्टर की जगह
वक्त ने जैसे-जैसे करवट ली प्रमोशन के तरीके तेजी से बदले। दीवारों पर लगाए जाने वाले पोस्टर की जगह अब हाईटेक LED स्क्रीन और होर्डिंग्स ने ले ली है। इस स्क्रीन पर फिल्म के प्रमोशन के लिए बने खास वीडियो दिखाए जाते हैं तो पोस्टर भी बदलते रहते हैं। साथ ही बड़े-बड़े होर्डिंग्स भी जगह-जगह लगे नजर आते हैं। अब लाजमी है कि मामूली से कागज के पोस्टर से ज्यादा LED स्क्रीन दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रहती है।
शुरू हुआ छोटे पर्दे का सहारा लेना का सिलसिला
इसके बाद सितारों ने प्रचार के लिए छोटे पर्दे का सहारा लिया और लोकप्रिय धारावाहिकों में मेहमान बनकर आने लगे। उनकी स्पेशल एपिसोड बनाकर शो में एंट्री कराई जाती है, जिससे शो की TRP को भी फायदा मिलता है। वे रियलिटी शो का हिस्सा बनते हैं तो कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में तो हर हफ्ते ही सितारे प्रमोशन के लिए पहुंचते थे। अब ये कहना गलत नहीं होगा कि टीवी के जरिए फिल्में ज्यादा दर्शकों तक पहुंच पाती हैं।
सोशल मीडिया है सबसे बड़ा हथियार
सोशल मीडिया की पहुंच जैसे-जैसे लोगों के बीच बढ़ी निर्माताओं का अपनी फिल्मों का प्रचार करना भी आसान हो गया है। सितारों से लेकर निर्माता तक शूटिंग से जुड़ा कोई न कोई अपडेट प्रशंसकों के साथ साझा करते रहते हैं, जिससे उनकी फिल्म का क्रेज बना रहता है। इतना ही नहीं, फिल्म के मुख्य कलाकार भी अक्सर साथ में नजर आते हैं, जो भी फिल्म को दर्शकों के बीच बने रहने में मदद करता है।
कोरोना महामारी के बाद आया बदलाव
फिल्मों के प्रचार में कोरोना वायरस के बाद काफी बदलाव आया है। अब सितारे इंस्टाग्राम पर प्रशंसकों द्वारा बनाई गई डांस रील्स को साझा करते हैं तो यूट्यूब पर पर्दे के पीछे के दृश्य भी दिखाते हैं। इतना ही नहीं एक्स का सहारा लेकर सितारे प्रशंसकों के सवालों के जवाब भी देते हैं। शाहिद कपूर ने 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' के लिए तो शाहरुख खान ने 'पठान', 'जवान' और 'डंकी' के लिए यह तरीका अपनाया था।
PR एजेंसी निभाती हैं अहम भूमिका
फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने में PR एजेंसी का भी अहम योगदान है। PR एजेंसी सुनिश्चित करती है कि फिल्मों और सितारों को हर प्लेटफॉर्म पर जगह मिले और वे चर्चा में बने रहे। इसका काम प्री-प्रोडक्शन से शुरू होकर रिलीज तक चलता है।
प्रमोशन पर होता है खूब खर्च
किसी भी फिल्म की सफलता इसके प्रचार पर भी काफी हद तक निर्भर करती है। ऐसे में निर्माता इस पर खास ध्यान देते हैं। वे फिल्म के बजट के हिसाब से ही इसके प्रचार-प्रसार पर खर्च करने की योजना बनाते हैं। सितारों को भी शूटिंग और प्रमोशन दोनों के लिए पहले ही साइन कर लिया जाता है ताकि बाद में तारीखों की दिक्कत न हो। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सितारों की फीस भी तय होती है।
इन सितारों ने अपनाया प्रमोशन का अजब-गजब तरीका
आमिर खान ने फिल्म '3 इडियट्स' के प्रचार के लिए कुछ दिन गायब हो गए थे और अलग-अलग शहरों में भेष बदलकर पहुंच जाते थे। बाकी सितारे हिंट देते थे कि वह कहां मिलेंगे। फिल्म 'बॉबी जासूस' के लिए विद्या बालन रेलवे स्टेशन के बाहर भिखारी बनकर बैठ गई थीं तो 'रईस' के प्रचार के लिए शाहरुख ने ट्रेन में सफर किया था। हालांकि, शाहरुख के आने से मची भगदड़ के चलते एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी।