#NewsBytesExplainer: TRP क्या है और ये कैसे तय की जाती है? यहां समझिए पूरी प्रक्रिया
क्या है खबर?
अगर आप मनोरंजन जगत से जुड़ी खबरों में दिलचस्पी रखते हैं, खासकर छोटे पर्दे या टीवी से जुड़े रहते हैं तो आपने TRP शब्द तो बेशक सुना होगा, क्योंकि टेलीविजन की दुनिया में यह शब्द बहुत आम है।
आपको इसका पूरा नाम भी शायद पता होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि TRP की गणना कैसे की जाती है और किसी भी कार्यक्रम या टीवी धारावाहिक की TRP मापने के क्या मापदंड होते हैं?
आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
परिभाषा
आखिर किस चिड़िया का नाम है TRP?
TRP यानी की टेलीविजन रेटिंग पॉइंट एक तरह का उपकरण होता है, जिसके जरिए यह पता लगाया जाता है कि कौन-सा कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
इसका इस्तेमाल टीवी चैनल की लोकप्रियता का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। इससे यह निर्धारित हो जाता है कि कौन-सा टीवी चैनल दर्शकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
आसान भाषा में TRP किसी टीवी चैनल या कार्यक्रम की लोकप्रियता को दर्शाता है।
अहम
क्यों जरूरी होती है TRP?
दर्शक किसी चैनल या कार्यक्रम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे हैं, यह TRP की मदद से तय होता है।
TRP सबसे ज्यादा होने का मतलब यह है कि सबसे ज्यादा दर्शक उस कार्यक्रम को देख रहे हैं।
TRP का डाटा विज्ञापनदाताओं के लिए बहुत ही उपयोगी होता है, क्योंकि विज्ञापनदाता उसी कार्यक्रम को विज्ञापन देने के लिए चुनते हैं, जिसकी TRP सबसे ज्यादा होती है। उसी के हिसाब से निवेशक भी अपने पैसे लगाते हैं।
जानकारी
उदाहरण से समझिए
TRP केवल चैनल ही नहीं, बल्कि किसी एक कार्यक्रम पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए यदि 'इंडियन आइडल' की TRP अन्य किसी प्रोग्राम से ज्यादा है तो विज्ञापनदाता अपना विज्ञापन उसमें दिखाना चाहेंगे और ज्यादा पैसे देंगे, जिससे चैनल को भी मुनाफा होगा।
तरीका
पीपल्स मीटर का होता है इस्तेमाल
देशभर में टीवी के करोड़ों दर्शक हैं। ऐसे में सभी लोग किस चैनल को पसंद कर रहे हैं या कौन-सा प्रोग्राम उन्हें अच्छा लग रहा है, इस पर सभी दर्शकों की राय जानना असंभव है, इसलिए इस काम को सैंपलिंग के जरिए किया जाता है।
TRP मापने वाली एजेंसी देश के अलग-अलग हिस्सों, आयु वर्ग, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सैंपलों को चुनती है और कुछ हजार घरों में पीपल्स मीटर फिट किए जाते हैं।
जानकारी
पीप्लस मीटर क्या होता है?
बता दें कि पीप्लस मीटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जिसे जगह-जगह पर लोगों के घरों पर लगा दिया जाता है। यह एक खास फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल कर तय करता है कि किस घर में कौन-सा प्रोग्राम या चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
माप
मीटर के जरिए ऐसे मापी जाती है TRP
पीपल्स मीटर से जो जानकारी मिलती है, एजेंसी INTAM यानी इंडियन टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट उसका विश्लेषण कर तय करती है कि किस चैनल या कार्यक्रम की TRP कितनी इन्हीं सैंपलों के जरिए सभी दर्शकों की पसंद का अनुमान लगाया जाता है।
इसकी गणना करने के लिए दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है और फिर इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का औसत रिकॉर्ड निकाला जाता है।
उपयोग
पहले DART का होता था इस्तेमाल
इससे पहले भारतीय एजेंसी DART यानी दूरदर्शन ऑडियंस रिसर्च टीवी रेटिंग का इस्तेमाल इन रेटिंग को मापने के लिए किया जाता था, क्योंकि उस समय केवल दूरदर्शन चैनल ही उपलब्ध था।
अब भी DART मौजूद है और यह एक ऐसी एजेंसी है, जो ग्रामीण लोगों के टीवी देखने के पैटर्न को ध्यान में रखती है। ये बिना किसी नियम के लोगों को चुनती है व उनसे विभिन्न चैनलों और टीवी कार्यक्रमों के बारे में सवाल पूछती है।
कारण
TRP मापी क्यों जाती है?
किसी भी प्रोग्राम की TRP के ज्यादा या कम होने से सीधा असर उस TV चैनल की आय पर पड़ता है। दरअसल, टीवी चैनलों की कमाई का मुख्य स्रोत विज्ञापनों से आने वाला पैसा ही है।
सोनी, स्टार प्लस, जितने भी चैनल हैं, ये सभी विज्ञापन द्वारा पैसे कमाते हैं।
जिस चैनल की जितनी ज्यादा लोकप्रियता यानी TRP होती है, विज्ञापनदाता उसी पर सबसे ज्यादा दांव खेलते हैं, ज्यादा TRP है तो चैनल भी विज्ञापनदाताओं से खूब रकम वसूलता है।
जानकारी
फिल्मी सितारों से भी होता है फायदा
जब कोई स्टार अपनी फिल्म के प्रचार के लिए किसी प्रोग्राम में आता है तो उस प्रोग्राम की TRP बढ़ जाती है, क्योंकि लोग उस स्टार को ज्यादा देखना पसंद करते हैं, जैसे कपिल शर्मा के शो में आए दिन कोई नया सितारा दिखता है।