रणदीप हुड्डा का पलटवार, बोले- कांग्रेस की गोभी खोदने के लिए नहीं बनाई 'स्वतंत्र वीर सावरकर'
पर्दे पर अपने शानदार अभिनय से लोगों का दिल जीतने अभिनेता रणदीप हुड्डा अब निर्देशन क्षेत्र में भी कदम रखने के लिए तैयार हैं। अभिनेता जल्द ही अपनी फिल्म 'स्वतंत्र वीर सावरकर' लेकर आ रहे हैं, जिससे वह पहली बार निर्माता और निर्देशक बन गए हैं। अब अभिनेता ने बताया कि लोगों के मना करने की वजह से ही उनमें इस फिल्म को करने की जिज्ञासा बढ़ी थी। साथ ही उन्होंने चुनाव लड़ने से भी साफ इनकार कर दिया।
क्यों रणदीप को मिली थी फिल्म न बनाने की सलाह?
दैनिक भास्कर से बातचीत में रणदीप ने बताया कि शुरुआती समय में उन्हें स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर फिल्म करने से सभी ने मना किया था। उनके शुभचिंतक बोल रहे थे कि वह अच्छे कलाकार हैं और ये फिल्म करके उनकी राजनीतिक छवि बन जाएगी और विवाद होगा। यही बातें सुनकर अभिनेता की फिल्म को लेकर जिज्ञासा बढ़ी। अभिनेता बताते हैं कि उन्हें फिल्म का प्रस्ताव मिलने पर ये भी लगा था कि वह सावरकर की तरह नहीं दिखते हैं।
वजन कम करने के बाद 2 साल झेली परेशानी
रणदीप बताते हैं कि उनका घुटना टूट गया था और वह 8 हफ्ते तक बिस्तर पर थे। ऐसे में उनका वजन बढ़ गया, जिसे कम करना उनके लिए काफी मुश्किल था। उन्होंने कहा, "इसके बाद मैंने वजन कम किया, लेकिन 2 साल तक मैं अंडरवेट रहा। मेरे वजन अमूमन 90 किलो रहता है, लेकिन इस दौरान 60-65 किलो था। इससे मेरे जोड़ों में दर्द होने लगा। 20-25 किलो कम करके 2-3 महीने निकल सकते हैं, लेकिन 2 साल तकलीफदेह थे।"
नसीरुद्दीन शाह से सीखे किरदार को अपनाने के गुर
इसके अलावा अमर उजाला से बातचीत में रणदीप ने बताया कि ऐतिहासिक किरदार के रंग में रंगने का हुनर उन्हें नसीरुद्दीन शाह से मिला है। वह कहते हैं, "मेरी इस सोच के जनक नसीर भाई हैं। कला को जिस तरह से अपनाना है, वो मैंने उन्हीं से सीखा है। हां, फिर कुछ समय सीखने के बाद आपके खुद के तरीके भी बन जाते हैं।" अभिनेता का कहना है कि वह बायोपिक फिल्में इसलिए करते हैं, क्योंकि इसमें उनकी रुचि है।
कांग्रेस की गोभी खोदने के लिए नहीं बनाई फिल्म- रणदीप
रणदीप ने राहुल गांधी के सावरकर को 'माफी वीर' कहने वाले बयान पर कहा, "उनकी दादी (इंदिरा गांधी) ने सावरकर के निधन पर कहा था कि वह बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान था। उनके मुताबिक, सावरकर की सोच आगामी पीढ़ियों को आकार देती रहेगी तो क्या राहुल अपनी दादी से ज्यादा जानते हैं?" अभिनेता ने कहा कि उन्होंने फिल्म सावरकर और सशस्त्र क्रांति के लिए बनाई है, ना कि कांग्रेस की गोभी खोदने के लिए।
चुनाव नहीं लड़ना चाहते रणदीप
रणदीप से पूछा गया कि अगर उन्हें भाजपा अपना संसद सदस्य बनाना चाहे तो वह क्या करेंगे। इस पर उनका कहना था कि वह आधे मन से कुछ नहीं करते। वह कहते हैं कि राजनीति से देशसेवा हो सकती है, लेकिन वह अभी नए निर्देशक बने हैं और फिल्में बनाने चाहते हैं। उन्हें अभिनय में भी बहुत कुछ करना है, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मालूम हो कि रणदीप की फिल्म 22 मार्च को हिंदी और मराठी में रिलीज होगी।