'जवान' देखकर भावुक हुए डॉक्टर कफील खान, शाहरुख खान को लिखी चिट्ठी
शाहरुख खान की फिल्म 'जवान' बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म बन गई है। 'जवान' में शाहरुख ने दोहरी भूमिका निभाई है। फिल्म में कई सामाजिक मुद्दों, जैसे भ्रष्टाचार, किसान आत्महत्या और चिकित्सा व्यवस्था की समस्याओं को उठाया गया है। फिल्म में गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत जैसा प्रकरण भी दिखाया गया है। अब इस कांड के पीड़ित डॉ कफील खान ने शाहरुख को चिट्ठी लिखी है।
'जवान' से क्या है कफील खान का कनेक्शन?
'जवान' में सान्या मल्होत्रा ने डॉक्टर ईरम का किरदार निभाया है, जो एक सरकारी अस्पताल में तैनात है। ऑक्सीजन की कमी से वहां भर्ती बच्चों की जान पर बन आती है। वह अधिकारियों से लेकर नेताओं के आगे गिड़गिड़ाती है, लेकिन अस्पताल को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इसकी तुलना गोरखपुर के BRD कॉलेज में इंसेफलाइटिस से हुई बच्चों की मौत से हो रही है। मामले में ईरम की तरह डॉक्टर कफील पर लापरवाही का आरोप लगा था।
स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही की आवश्यकता दिखाती है फिल्म- कफील
अब डॉक्टर कफील ने शाहरुख को लिखी एक चिट्ठी एक्स पर साझा की, जिसमें उन्होंने सिनेमा के जरिए जरूरी मुद्दों को उठाने के लिए शाहरुख की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, "मैं समझता हूं कि 'जवान' एक काल्पनिक कहानी है। गोरखपुर त्रासदी से मेल खाती हुई यह फिल्म सिस्टम की विफलता, क्रूरता और सबसे जरूरी, खोई हुईं जानों की याद दिलाती है। यह स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही की त्वरित आवश्यकता को भी दिखाती है।"
घटना को फिल्म में दिखाने के फैसले से अभिभूत
कफील ने इस चिट्ठी में बताया कि कैसे इस फिल्म ने उनका दिल छुआ है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा, 'फिल्म में गोरखपुर इंसेफलाइटिस मामले के चित्रण ने मेरे दिल पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर, जिसका उस घटना और उसके प्रभावों से निजी जुड़ाव है, मैं इसे फिल्म में दिखाने के आपके फैसले से अभिभूत हूं।' चिट्ठी के आखिर में उन्होंने शाहरुख और निर्देशक एटली से मिलने की भी इच्छा जाहिर की।
दुर्भाग्य से फिल्म से अलग है हकीकत की कहानी- कफील
उन्होंने आगे लिखा, 'भले यह मेरा संदर्भ नहीं देता है, लेकिन सान्या मल्होत्रा द्वारा निभाया गया डॉक्टर ईरम का किरदार मेरे अनुभवों को दर्शाता है। फिल्म में घटना के असल आरोपियों को सजा मिलते देखना तसल्ली देता है। दुर्भाग्य से हकीकत में असली आरोपी अब भी आजाद घूम रहे हैं, मैं अपनी नौकरी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं और उन 63 बच्चों के अभिभावक न्याय का इंतजार कर रहे हैं।'
क्या हुआ था BRD मेडिकल कॉलेज में?
अगस्त, 2017 में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण 63 बच्चों की मौत हो गई थी। घटना के समय कफील अस्पताल में बतौर बच्चों के डॉक्टर तैनात थे। उन पर इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाने, लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था और वह 9 महीने जेल में भी रहे थे। हालांकि, जांच के बाद उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया था।