हाई कोर्ट का डॉ कफील खान को रिहा करने का आदेश, कहा - NSA लगाना गैरकानूनी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में कथित भड़काऊ बयान देने के लिए जेल में बंद डॉक्टर कफील खान को रिहा करने का आदेश दिया है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने डॉ कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया था। आज कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि NSA के तहत कफील को हिरासत में रखना गैरकानूनी है और उन्हें रिहा किया जाए। NSA देश की सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों पर लगाया जाता है।
इस बयान के लिए जेल में बंद हैं डॉ कफील
डॉ कफील पर 12 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में CAA के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप है। अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि CAA मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश है और इसे लाकर सरकार ये दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। वहीं अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि मोटा भाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं।
RSS पर भी साधा था निशाना
कफील ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, "यह लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। RSS के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी वाले लोग आतंकवादी होते हैं। जब से RSS का उदय हुआ है, मुझे संविधान पर भरोसा नहीं रह गया।" उनके खिलाफ धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए FIR दर्ज की गई थी और 29 जनवरी को उन्हें मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद प्रशासन ने लगाया था NSA
10 फरवरी को अलीगढ़ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने कफील को जमानत दे दी थी और उन्हें जेल से रिहा किया जाना था, लेकिन इससे पहले ही जिला प्रशासन ने उन पर NSA लगा दिया। कफील तभी से अलीगढ़ की जेल में बंद हैं।
हाई कोर्ट ने कहा- भाषण कहीं भी हिंसा और नफरत को बढ़ावा नहीं देता
कफील के परिवार ने उन पर NSA लगाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। आज कोर्ट ने उनके हक मे फैसला सुनाते हुए कहा, "भाषण को पूरा पढ़ने पर प्रथमदृष्टया इसमें नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना की कोई कोशिश नजर नहीं आती। ये कहीं भी अलीगढ़ शहर की शांति को खतरा पैदा नहीं करता। ऐसा लगता है कि जिलाधिकारी ने भाषण के वास्तविक आशय को नजरअंदाज करते हुए इसके चुनिंदा हिस्सों को ही पढ़ा है।"
क्या है NSA?
NSA उन लोगों पर लगाया जाता है जिन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है। इसके तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को वो अधिकार प्राप्त नहीं होते जो अन्य मामलों में हिरासत में लिए गए लोगों को मिलते हैं। उसे बिना आरोप तय किए एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। अपने बेहद कठोर प्रावधानों और प्रशासन और पुलिस को अत्यधिक शक्तियां देने के कारण NSA हमेशा ही विवादों में रहा है।
कौन हैं डॉ कफील खान?
अगस्त, 2017 में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण 63 बच्चों की मौत के मामले में कफील पहली बार चर्चा में आए थे। घटना के समय वो अस्पताल में बतौर बच्चों के डॉक्टर तैनात थे और उन पर इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाने, लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आरोप लगने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था और वो नौ महीने जेल में भी रह चुके हैं।