विश्व बैंक की नौकरी छोड़ IAS बनी चांदना, अब इस क्षेत्र में कर रहीं बड़ा काम
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी तो बहुत सारे लोग करते हैं, लेकिन इसमें सफलता बहुत कम ही लोगों को मिल पाती है। इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थियों की अपनी-अपनी कहानी होती है जो हमें भविष्य में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरणा देती है। हम आज आपको हरी चांदना दसारी की प्रेरणादायक कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने IAS अधिकारी बनने के लिए विदेश में अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी।
कौन हैं हरी चांदना दसारी?
दसारी वर्तमान में तेलंगाना कैडर से 2010 बैच की IAS अधिकारी हैं, उनके पिता भी केंद्र सरकार की प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं। हैदराबाद के सेंट एन्स कॉलेज से कक्षा 12 पास करने के बाद उन्होंने शहर के ही सेंट एन्स कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और फिर पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एनवायरमेंट इकोनॉमिक्स में MSc की डिग्री हासिल की थी।
पिता की तरह प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए छोड़ दी विश्व बैंक की नौकरी
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने पढ़ाई पूरी करने के बाद दसारी की विश्व बैंक में नौकरी लग गई थी। उन्होंने लंदन में अन्य कंपनियों में भी काम किया है, वह विदेश में पूरी तरह से सेट हो चुकी थीं, लेकिन उनके मन में कुछ और ही चल रहा था। वह अपने पिता की तरह प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती थीं, इसलिए विदेश की करोड़ों की नौकरी छोड़ वह भारत आकर UPSC की तैयारी करने लगी थीं।
दसारी ने देश से गंदगी को साफ करने की दिशा में किया काम
दसारी ने देश से गंदगी को साफ करने की दिशा में काम किया। उन्होंने कचरे में डाली जाने वाली प्लास्टिक की पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर रिसर्च की। इसके बाद उन्होंने इन बोतलों का इस्तेमाल वेस्ट मैनेजमेंट के तौर पर किया। ग्रीन रेव्यूलेशन (हरित क्रांति) के जरिए दसारी ने प्लास्टिक की बोतलों में पौधे लगवाए। हैदराबाद की सड़कों और 120 पार्कों को उन्होंने कचरे की बोतलों से सजा दिया।
दसारी ने महिला सशक्तिकरण पर भी किया काम
वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने के साथ-साथ दसारी ने महिला सशक्तिकरण पर भी काम किया है। उन्होंने महिलाओं को रोजगार की एक नई राह भी दिखाई। हैदराबाद में अब कई महिलाएं वेस्ट को रिसायकल कर हर महीने 10 से 12,000 रूपये कमा रही है। उन्होंने शहर में एक डॉग पार्क भी बनवाया है जहां पालतू कुत्तों को टहलाया जा सकता है जिससे सड़कों पर गंदगी न हो। इस पार्क में कुत्तों को व्यायाम कराने के लिए मशीनें भी उपलब्ध हैं।