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ऑटो रिक्‍शा चालक का बेटा बना देश का सबसे युवा IAS अधिकारी, पढ़ें संघर्ष की कहानी
ऑटो रिक्‍शा चालक का बेटा बना देश का सबसे युवा IAS अधिकारी (फोटो साभार: इंस्टाग्राम Ansar Shaikh)

ऑटो रिक्‍शा चालक का बेटा बना देश का सबसे युवा IAS अधिकारी, पढ़ें संघर्ष की कहानी

लेखन तौसीफ
May 02, 2022
08:30 pm

क्या है खबर?

आपने यह सुना होगा कि अगर किसी के इरादे पक्के हों तो वह कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है और कोई भी मुश्किल उसके रास्ते का रोड़ा नहीं बनेगी। बिल्कुल इसी बात को सच साबित किया है अंसार अहमद शेख ने। अंसार ने न सिर्फ देश की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में शामिल सिविल सेवा परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास किया, बल्कि वह 21 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी भी बन गए।

गृहस्थी

पिता ऑटो रिक्शा और मां मजदूरी करके चलाती थी गृहस्थी

अंसार का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के शेलगांव में हुआ। द बेटर इंडिया के मुताबिक, 2016 में जब उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की, उस समय उनके पिता शेलगांव में ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां खेत में मजदूरी करती थी। अंसार के मुताबिक, शिक्षा के अभाव के कारण उनकी बहनों की शादी कम उम्र में कर दी गई थी और भाई छठवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर चाचा के गैराज में काम करने लगा था।

पढ़ाई

पिता पर दबाव डालकर अंसार की पढ़ाई छुड़वाना चाहते थे रिश्तेदार

अंसार बताते हैं कि जब वह चौथी कक्षा में थे, तब रिश्तेदारों ने उनके पिता पर उनकी पढ़ाई छुड़वाने का दबाव डाला था। उनकी बातों से प्रभावित हो कर अंसार के पिता उनके स्कूल पहुंचे और शिक्षक से उनकी पढ़ाई रोकने की बात की। लेकिन अंसार के शिक्षक उनकी काबिलियत को पहचानते थे और उन्होंने उनके पिता से कहा कि अंसार एक होनहार छात्र हैं और बड़े होकर वह अपने परिवार के लिए जरूर कुछ अच्छा करेगा।

मदद

कॉलेज फीस भरने में छोटे भाई ने की मदद

अंसार ने मराठी मीडियम से 91 प्रतिशत अंकों के साथ कक्षा 12 पास की। इसके बाद पुणे के जान- माने फर्गुसन कॉलेज में एडमिशन मिलने के बाद जब उन्हें फीस भरने में परेशानी होने लगी, तब उनके छोटे भाई अपने मासिक वेतन से 6,000 रुपये हर महीने अंसार को भेजने लगे। मराठी माध्यम से पढ़ाई करने और पिछड़े माहौल में रहने के कारण वह अंग्रेजी से डरते थे, परन्तु उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

काबिलियत

कोचिंग संचालक ने अंसार की काबिलियत देखकर आधी कर दी थी कोचिंग फीस

कॉलेज के प्रथम वर्ष में ही अंसार के प्रोफेसर ने उन्हें UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई के साथ-साथ UPSC की कोचिंग लेने का फैसला किया। हालांकि, कोचिंग की फीस अधिक होने के कारण जब उन्होंने कोचिंग संचालक से उसे जमा करने में असमर्थता जताई, तब उनकी काबिलियत और आगे बढ़ने की लगन को देखते हुए कोचिंग संचालक ने उनकी फीस 50 प्रतिशत कम कर दी।

प्रतियोगिता

आपकी प्रतियोगिता लाखों उम्मीदवारों से नहीं, खुद से होनी चाहिए- IAS अंसार

अंसार की कड़ी मेहनत और संघर्ष के सामने मुसीबतों ने हार मान ली और उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही UPSC की परीक्षा पास कर ली। उन्होंने 371वीं रैंक हासिल की और IAS के लिए चुने गए। अंसार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, "अगर आपको लगता है कि आपकी प्रतियोगिता अन्य लाखों उम्मीदवारों के साथ है जो परीक्षा देते हैं तो आप गलत हैं। आपकी एकमात्र प्रतियोगिता आप हैं।"