UPSC: मुख्य परीक्षा पास करने के लिए मनोविज्ञान वैकल्पिक विषय की ऐसे करें तैयारी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) परीक्षा के लिए प्रस्तावित किए गए वैकल्पिक विषयों में मनोविज्ञान (साइकोलॉजी) भी शामिल है। मनोविज्ञान बेहद दिलचस्प विषय माना जाता है। इस विषय के लिए अच्छी अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध है। ये विषय स्कोरिंग हो सकता है, लेकिन अलग शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को कठिनाई आ सकती है। आइए जानते हैं UPSC मुख्य परीक्षा के लिए मनोविज्ञान का पाठ्यक्रम और तैयारी की टिप्स।
मनोविज्ञान पेपर 1 का पाठ्यक्रम
मनोविज्ञान के पाठ्यक्रम को पेपर 1 और पेपर 2 में बांटा गया है। पेपर 1 में मनोविज्ञान की नींव से संबंधित निम्न खंड हैं:- मनोविज्ञान का परिचय, मनोविज्ञान की पद्धतियां, अनुसंधान के तरीके, मानव व्यवहार का विकास, ध्यान और धारणा के सिद्धांत। सीखने की अवधारणाएं और सिद्धांत, स्मृति और प्रोसेसिंग के स्तर, सोच और समस्या समाधान, प्रेरणा और भावना, बुद्धिमत्ता और योग्यता। व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, मूल्य और रुचियां, भाषा और संचार, आधुनिक समकालीन मुद्दे और परिप्रेक्ष्य आदि।
मनोविज्ञान पेपर 2 का पाठ्यक्रम
पेपर 2 में मनोविज्ञानिक मुद्दे और अनुप्रयोग से संबंधित निम्न खंड शामिल हैं:- व्यक्तिगत भिन्नताओं का मनोवैज्ञानिक मापन, मनोवैज्ञानिक कल्याण और मानसिक विकार, चिकित्सीय दृष्टिकोण। कार्य मनोविज्ञान और संगठनात्मक व्यवहार, शैक्षिक क्षेत्र में मनोविज्ञान के अनुप्रयोग, सामुदायिक मनोविज्ञान, पुनर्वास मनोविज्ञान। वंचित समूहों के लिए मनोविज्ञान का अनुप्रयोग, सामाजिक एकीकरण की मनोवैज्ञानिक समस्या, सूचना प्रौद्योगिकी और मास मीडिया में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग। मनोविज्ञान और आर्थिक विकास, पर्यावरण और संबंधित क्षेत्र में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग, सैन्य, खेल और आतंकवाद का मनोविज्ञान आदि।
कौनसी किताबों का इस्तेमाल करें?
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए मनोविज्ञान की तैयारी की शुरुआत कक्षा 11 और कक्षा 12 की मनोविज्ञान की NCERT किताबों से करें। अभ्यर्थी रॉबर्ट एस फेल्डमैन की मनोविज्ञान को समझना, रॉबर्ट ए बैरन की मनोविज्ञान, एके सिंह की व्यवहार विज्ञान में परीक्षण, मापन और अनुसंधान के तरीके, मॉर्गन और किंग की मनोविज्ञान, सौंद्रा सिसकारेली की मनोविज्ञान, स्मारक स्वैन की अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं। कम समय में तैयारी के लिए कोचिंग नोट्स भी उपयोगी रहते हैं।
पेपर 1 की तैयारी
पेपर 1 में सैद्धांतिक दृष्टिकोण की जरूरत होती है। पिछले कुछ वर्षों से अनुसंधान विधियां, आंतरिक प्रेरणा, मूल्य और रुचि, आधुनिक मनोविज्ञान के मुद्दे, दीर्घकालिक स्मृति, एपिसो़डिक स्मृति, समायोजन से संबंधित सवाल दोहराए जा रहे हैं। इन विषयों को अच्छी तरह पढ़ें। इसके अलावा सामाजिक बुद्धिमत्ता, निर्णय लेने को प्रभावित करने वाले कारक, मनोवैज्ञानिक परीक्षा में कंप्यूटर, स्मरक तकनीकें, जीवन काल के प्रमुख चरण जैसे मुद्दों पर भी फोकस करें। प्रमुख अवधारणाओं को अच्छी तरह समझना जरूरी है।
पेपर 2 की तैयारी
पेपर 2 में अनुप्रयोग भाग ज्यादा है, इसके लिए ज्यादा तैयारी की आवश्यकता होती है। इसमें प्रमुख अवधारणाओं को याद करना जरूरी है। इस विषय में सवाल अनुप्रयोग से जोड़ कर पूछे जाते हैं। अभ्यर्थी मनोवैज्ञानिक परीक्षण के प्रकार, मानसिक विकार, व्यक्तित्व विकार, योग, ध्यान, मानसिक बीमारी की रोकथाम, सीखने की शैलियां, स्मृति में सुधार के तरीके, समूह निर्णय, विकलांग व्यक्तियों का पुनर्वास, सामाजिक एकीकरण, जनसंख्या मनोविज्ञान, विविधता प्रबंधन जैसे मुद्दों को अच्छी तरह पढ़ें।
उत्तर लेखन है सबसे ज्यादा जरूरी
मनोविज्ञान की तैयारी के दौरान उत्तर लेखन सबसे ज्यादा जरूरी है। अवधारणाओं और मूल सिद्धांतों को उत्तरों में समायोजित करें। अपने उत्तरों को मनोविज्ञान विषय के शिक्षकों से चेक करवाएं। जितना अधिक आप विषयों को संशोधित करेंगे और नोट्स बनाएंगे, उतना ही बेहतर कर पाएंगे। कई बार ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका सीधा उत्तर पता नहीं होता है। ऐसे में प्रश्नों में उद्देश्य को समझने की कोशिश करें। जानकारियों का समय-समय पर रिवीजन करना भी बेहद जरूरी है।