अब UPPSC में नहीं हो पाएगी सीधी भर्ती, पहले देनी होगी परीक्षा
क्या है खबर?
अगर आप उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा होने वाली सीधी भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं, तो आपके लिए ये खबर पढ़ना जरुरी है।
UPPSC ने सभी उन भर्तियों के लिए भी स्क्रीनिंग टेस्ट (परीक्षा) अनिवार्य कर दिया है, जिसके लिए उम्मीदवारों को सिर्फ इंटरव्यू देना होता था।
अब UPPSC किसी भी पद पर सीधी भर्ती नहीं करेगा। ऐसा पहली बार है जब UPPSC ने स्क्रीनिंग टेस्ट अनिवार्य करने का फैसला किया है।
आइए जानें पूरी खबर।
पद
इन पदों के लिए नहीं लागू होगा नियम
UPPSC के अधिकारियों के अनुसार ये फैसला लेने का उद्देश्य ये है कि इन नौकरियों के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवारों का चयन हो सके।
इसके साथ ही बता दें कि अधिकारियों ने ये भी स्पष्ट किया है कि यह फैसला राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रोफेसरों जैसे विशेष पदों पर भर्तियों के लिए लागू नहीं किया जाएगा।
अब उम्मीदवारों के लिए UPPSC में भर्ती होना थोड़ा कठिन हो जाएगा।
बयान
सभी उम्मीदवारों को मिलेगा अपनी योग्यता साबित करने का मौका
UPSC के सचिव जगदीश ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि हाल ही में मुख्यालय में आयोजित आयोग की बैठक में ये फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आवेदक को चयन के लिए अपनी योग्यता साबित करने का एक मौका मिलेगा।
चयन
अभी तक ऐसे होता था चयन
इससे पहले आयोग उनके लिए स्क्रीनिंग टेस्ट करता था जहां पदों की संख्या 50 या 50 से अधिक हो और आवेदकों की कुल संख्या, कुल रिक्त पदों की संख्या से लगभग 20 गुना अधिक हो।
अन्य सीधी भर्तियों के लिए आयोग आवेदकों के शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार करता था और इस मेरिट लिस्ट के टॉप पर रहने वालों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता था।
अब मेरिट लिस्ट या साक्षात्कार से पहले परीक्षा देनी होगी।
भ्रष्टाचार
इस कदम से लगेगी भ्रष्टाचार पर रोक
अधिकांश भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों द्वारा इस कदम को स्वीकार किया गया है। उनका कहना है कि इस कदम से आयोग में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
पहले आयोग द्वारा की जा रही सीधी भर्तियों में से कई में भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
UPPSC के नए अध्यक्ष प्रभात कुमार सभी स्तरों के पदों के लिए आयोग द्वारा पारदर्शी भर्तियां सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके इस कदम को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।