अब एक साथ दो कोर्स कर सकेंगे छात्र, UGC की नई गाइडलाइंस जारी
क्या है खबर?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है।
पहले किसी एक स्ट्रीम या कोर्स में पढ़ाई की शुरुआत करने के बाद छात्र का किसी दूसरी स्ट्रीम या कोर्स की पढ़ाई करना मुश्किल होता था, लेकिन अब UGC की नई गाइडलाइंस आने के बाद छात्रों की मुश्किलें आसान हो जाएंगी।
UGC की गाइडलाइंस के मुताबिक, छात्र अब उच्च शैक्षणिक संस्थानों से दो कोर्स एक साथ कर सकेंगे।
गाइडलाइंस
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर जारी की गईं गाइडलाइंस
UGC ने यह गाइडलाइंस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के आधार पर जारी की हैं, जिसमें पहले ही यह बताया गया था कि छात्रों न सिर्फ एक से ज्यादा कोर्स करने का मौका मिलेगा, बल्कि दोनों कोर्स के सर्टिफिकेट मान्य होंगे।
UGC ने कहा है कि सभी राज्य सरकारें और विश्वविद्यालय इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए अपने नियम और नीतियां तैयार करें और वे चाहें तो सत्र 2022-23 से इसे लागू कर सकते हैं।
पढ़ाई
डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पढ़ाई की भी मिलेगी सुविधा
गाइडलाइंस में कहा गया कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री-एक्जिट यानी कोर्स में कई बार प्रवेश लेने, छोड़ने और फिर से उसी कोर्स की पढ़ाई करने की छूट होगी।
छात्र मल्टीपल मोड यानी कक्षा में पढ़ाई के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन माध्यम से भी कोर्स पूरा कर सकेंगे। इतना ही नहीं, वे डुअल कोर्स भी कर सकेंगे, यानी दो मान्य कोर्स एक साथ कर सकेंगे।
डिग्री
3,000 से अधिक छात्रों वाले कॉलेज अपने स्तर पर दे सकेंगे डिग्री
UGC की इस नई व्यवस्था के तहत, देश में अब तीन तरह के संस्थान होंगे, रिसर्च यूनिवर्सिटी, टीचिंग यूनिवर्सिटी और ऑटोनॉमस कॉलेज।
अगर कॉलेज में 3,000 से ज्यादा छात्र हैं तो वे अपने स्तर पर डिग्री दे सकेंगे। इसके साथ ही वे नए विभाग खोलकर बहुविषयक ऑटोनॉमस कॉलेज का दर्जा हासिल कर सकेंगे।
अगर किसी कॉलेज में छात्रों की संख्या 3,000 से कम होगी तो वो अन्य कॉलेजों के साथ करार कर सकते हैं।
सुविधा
छात्रों को मिलेगी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की सुविधा
UGC एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के साथ छात्रों के लिए नई सुविधा भी ला रहा है।
छात्र इस पर अपना अकाउंट बना कर अपने अंकों को इसमें सात साल तक सुरक्षित रख सकेंगे।
इसके अलावा अगर किसी कारण से छात्र की पढ़ाई पूरी नहीं होती या फिर वो आगे जारी नहीं रखना चाहता तो उस समय की पढ़ाई के अनुभव के हिसाब से डिप्लोमा या डिग्री सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा।