
जामिया मिलिया विश्वविद्यालय को NAAC समीक्षा में मिली A++ ग्रेड
क्या है खबर?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को ए++ (A++) ग्रेड प्रदान किया है।
विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर का इस उपलब्धि पर कहना है कि विश्वविद्यालय के लिए यह मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, छात्रों और पूर्व छात्रों सहित विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों द्वारा किए गए कठिन परिश्रम और अथक प्रयास को दर्शाता है।
2015
2015 में जामिया विश्वविद्यालय को मिला था A ग्रेड
इससे पहले 2015 में NAAC ने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय को ए (A) ग्रेड दिया था। उस समय विभिन्न पैरामीटर पर विश्वविद्यालय को कुल 3.09 अंक दिए गए थे और इस बार 3.61 अंक मिले हैं।
NAAC द्वारा प्रदान की गई ग्रेडिंग एक कड़े मूल्यांकन पर आधारित है। यह अनुसंधान, बुनियादी ढांचे, सीखने के संसाधनों, मूल्यांकन, नवाचार और प्रशासन सहित विभिन्न मापदंडों के आधार पर किसी संस्थान को दिया गया उच्चतम ग्रेड है।
ग्रेड
सर्वोच्च ग्रेड से सबको मिला जवाब- नजमा
नजमा ने कहा कि यह ग्रेड ऐसे समय पर मिला है जब जामिया पर सवाल उठाए गए थे और अब विश्वविद्यालय ने A++ ग्रेड हासिल करके सबको जवाब दे दिया है।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, "14 दिसंबर, 2019 को कैंपस के बाहर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध चल रहा था और 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारी पुलिस से बचने को कैंपस में आ गए और पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को प्रदर्शनकारी समझ लाठीचार्ज कर दिया था।"
कोरोना
कोरोना में जामिया विश्वविद्यालय बंद होने के बाद भी शिक्षण जारी रहा
नजमा ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान कैंपस बंद होने के बाद भी शिक्षण जारी रहा। कक्षाएं ऑफलाइन से ऑनलाइन चलीं तो सेमेस्टर परीक्षाएं समय से ऑनलाइन आयोजित की गईं। इसमें मूल्यांकन को भी शामिल किया गया।"
उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में शिक्षण संस्थान न केवल इस ग्रेड को बनाए रखेगा, बल्कि शिक्षाविदों, अनुसंधान और अन्य क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत भी करता रहेगा।
जानकारी
2015 में परिषद दल के लिए विश्वविद्यालय ने खर्च किए 26 लाख रूपए
एक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने 2015 में निरीक्षण के लिए आए परिषद दल के राजसी व्यवहार की व्यवस्था के लिए 26 लाख रुपये से अधिक खर्च किए थे। विश्वविद्यालय के मुताबिक उसके गेस्ट हाउस का नवीनीकरण किया जा रहा था।