UGC ने विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्रियों को मान्यता देने के लिए गठित की समिति
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्रियों की मान्यता और समानता से संबंधित नियमों पर काम करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। बता दें कि UGC ने मई 2022 में अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2022-23 से भारत के शैक्षणिक संस्थानों को अब विदेशी संस्थानों के साथ ज्वाइंट डिग्री, ट्विनिंग डिग्री और डुअल डिग्री कार्यक्रमों को शुरु करने की अनुमति दी है।
GIFT सिटी में कैंपस बनाएंगे आस्ट्रेलिया के शिक्षण संस्थान
UGC के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया की उप उच्चायुक्त सारा स्टोरे और उनके सहयोगियों से मुलाकात की और भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग पर चर्चा की थी। उन्होंने यह भी बताया कि आस्ट्रेलियाई दल ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT) में दिलचस्पी दिखाई है और UGC उन्हें यहां पर वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे कोर्स की पढ़ाई के लिख कैंपस खुलवाने की सुविधा प्रदान कराएगा।
किस तरह के नियम बनाने पर काम करेगी समिति?
कुमार ने कहा, "GIFT शहर में विदेशी यूनिवर्सिटी आएंगी और अपने परिसरों की स्थापना करेगी। इससे हमारे भारतीय छात्र वहां पढ़ाई करके डिग्री हासिल करेंगे।" उन्होंने आगे बताया, "जब वे भारत में दूसरी डिग्री या नौकरी के लिए आवेदन करेंगे तो भारतीय संस्थान यह जानना चाहेंगे कि क्या विदेशी संस्थान की तरफ से दी गई डिग्री हमारी डिग्री के बराबर है।" बता दें कि UGC के इस कदम से भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के रूप में किया जा रहे हैं निर्णय
बता दें कि यह सभी निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में किए जा रहे हैं। अब तक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भारत के प्रमुख यूनिवर्सिटी के संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) को विदेशी बोर्डों और यूनिवर्सिटी से स्कूली शिक्षा या उच्च शिक्षा पूरी करने वाले छात्रों को समकक्ष प्रमाण पत्र जारी करने का प्रभार सौंपा है। हालांकि, एक बार दिशानिर्देश तैयार हो जाने के बाद यह जिम्मेदारी UGC ले लेगा।
चार सप्ताह में नियम तैयार करेगी समिति
जगदीश ने कहा, "UGC ने विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जो इस बात की सिफारिश करेगी कि NEP 2020 के युग के बाद दो डिग्री के लिए शैक्षणिक समानता कैसे दी जानी चाहिए। समिति को करीब चार सप्ताह का समय लगेगा।" उन्होंने बताया कि हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाएगा और फिर उन्हें आयोग की तरफ से अनुमोदित किया जाएगा। उसके बाद वह डिग्री के तुल्यता के लिए नियम बन जाएंगे।