सुप्रीम कोर्ट ने JEE के प्रयासों की संख्या बढ़ाने से किया इनकार, कहा- नहीं करेंगे हस्तक्षेप
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) की तैयारी करने वाले छात्रों को बड़ा झटका दिया है।
कोर्ट ने JEE (एडवांस) के प्रयासों की संख्या घटाकर 3 से 2 करने के परीक्षा प्राधिकरण संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश JAB के नवंबर 2024 के निर्णय को चुनौती देने वाले उम्मीदवारों की ओर से दायर रिट याचिका के जवाब में दिया।
फैसला
JAB का क्या था फैसला
JAB ने 5 नवंबर, 2024 को घोषणा की थी कि JEE (एडवांस्ड) के लिए 3 प्रयास दिए जाएंगे। हालांकि, 18 नवंबर बोर्ड ने अपना फैसला पलट दिया और प्रयास की संख्या 2 कर दी।
इस निर्णय के खिलाफ छात्र कोर्ट चले गए। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि JAB के फैसले से उन्होंने अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम छोड़ दिए, जिसमें प्रयासों की संख्या 3 है।
याचिका में कहा गया कि निर्णय से हजारों छात्रों का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का सपना टूटा है।
अनुमति
कुछ छात्रों को मिली राहत
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन छात्रों को राहत दी है, जिन्होंने JAB के फैसले के कारण अपना पाठ्यक्रम छोड़ दिया।
कोर्ट ने 5 से 18 नवंबर, 2024 के बीच अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को छोड़ने वाले छात्रों को JEE (एडवांस्ड) के लिए पंजीकरण की अनुमति दे दी है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। बोर्ड की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए थे।