नवनियुक्त CJI संजीव खन्ना बोले- सभी तक न्याय की आसान पहुंच सुनिश्चित करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपने पहले वक्तव्य में न्याय की आसान पहुंच को सुनिश्चित करने की बात कही है। उन्होंने 51वें CJI के रूप में शपथ लेने के बाद सोमवार को कहा कि न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और बिना स्थिति देखे नागरिकों के साथ समान व्यवहार करना न्यायपालिका का संवैधानिक कर्तव्य है। उन्होंने लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका का नेतृत्व करने में गहरा सम्मान व्यक्त किया।
क्या बोले CJI?
CJI ने कहा, "न्यायपालिका शासन प्रणाली का अभिन्न और स्वतंत्र हिस्सा है। संविधान हम पर संवैधानिक संरक्षक, मौलिक अधिकारों के रक्षक की भूमिका और न्याय के सेवा प्रदाता होने की जरूरी जिम्मेदारी सौंपता है।" उन्होंने कहा, "समान व्यवहार के मामले में सभी को सफल होने का उचित अवसर प्रदान करना आवश्यक है, चाहे उनकी स्थिति, धन या शक्ति कुछ भी हो। ये हमारे मूल सिद्धांत हैं। सभी नागरिकों की न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है।"
आपराधिक मामलों के मुकदमों की अवधि कम करने पर जोर
CJI खन्ना ने कोर्ट के सामने उपस्थित चुनौतियों की पहचान की, जिनमें लंबित मुकदमों को कम करना, मुकदमेबाजी को किफायती बनाना तथा जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को सभी नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए, उन्होंने कोर्ट को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने आपराधिक मुकदमों की अवधि को कम करने और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने का वचन दिया।
पहले दिन 45 मुकदमों की सुनवाई की
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने के बाद पहले दिन सुप्रीम कोर्ट में करीब 45 मामलों की सुनवाई की। उनको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई थी। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ उपस्थित थे। CJI खन्ना चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे। वे 13 मई, 2025 तक 7 महीने पद पर रहेंगे और 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे।
कौन हैं CJI संजीव खन्ना?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 14 मई, 1960 को जन्मे हैं। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट और चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं। संजीव खन्ना ने 1983 में पहली बार दिल्ली बार एसोसिएशन में अपना पंजीकरण कराया था और शुरूआत में तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की। 2004 में दिल्ली के स्थायी वकील नियुक्त हुए। 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त और 2006 में स्थायी जज बने। 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने।