UPSC: मुख्य परीक्षा के लिए ऐसे करें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वैकल्पिक विषय की तैयारी
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक विषयों में से एक है। मुख्य परीक्षा के लिए सिविल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषय का विकल्प भी मौजूद हैं। इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के छात्र इस विषय का चुनाव करते हैं। ये तकनीकी विषय होने के कारण स्कोरिंग है। आइए UPSC के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम, उपयोगी किताबें और तैयारी के टिप्स जानते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम क्या है?
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पेपर 1 में सर्किट थ्योरी, सिग्नल और सिस्टम, ईएम थ्योरी, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा रूपांतरण, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक ड्राइव और एनालॉग कम्युनिकेशन जैसे खंड शामिल हैं। इसमें अभ्यर्थियों को संकेत, प्रणाली, तरंगे, एम्पलीफायर, ट्रांसफार्मर, ट्रांजिस्टर के बारे में पढ़ना होगा। पेपर 2 में नियंत्रण प्रणाली, माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रो कंप्यूटर, मापन और इंस्ट्रूमेंटेशन, पावर सिस्टम का विश्लेषण और नियंत्रण, पावर सिस्टम सुरक्षा, डिजिटल संचार, पल्स कोड मॉड्यूलेशन आदि खंड हैं। इसमें अलग-अलग टॉपिक शामिल हैं।
कौनसी किताबों का इस्तेमाल करें?
इस विषय की तैयारी के लिए उम्मीदवार इन किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं:- अभिजीत चक्रवर्ती की सर्किट थ्योरी, रमेश बाबू की सिग्नल और सिस्टम, एलन वी. ओपेनहेम की सिग्नल किताब। मैथ्यू सादिकु की विद्युतचुंबकीय सिद्धांत, गोडसे और बख्शी की एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स, अशफाक हुसैन की इलेक्ट्रिक मशीन। पीएस बिंभरा की पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, बीपी लाठी की आधुनिक डिजिटल और एनालॉग संचार प्रणाली। ए आनंद कुमार की नियंत्रण प्रणाली, सीएल वाधवा की इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम्स, जेबी गुप्ता की पावर सिस्टम।
एक अच्छी टेस्ट सीरीज में नामांकन कराएं
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विषय को पढ़ते समय पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अवलोकन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। परीक्षा में कई सवाल दोहराए जाते हैं। ऐसे में आप पुराने प्रश्नपत्रों से नए प्रश्नों का अनुमान लगा सकते हैं। इसके अलावा उम्मीदवार एक अच्छी मॉक टेस्ट सीरीज में अपना नामांकन कराएं। ये आपकी गति को सुधारने में मदद करेगा। आपको मुख्य परीक्षा में उत्तर लेखन का सही तरीका पता चलेगा और परीक्षा का भय भी खत्म होगा।
आरेख, सर्किट, फ्लोचार्ट बनाने का अभ्यास करें
मानविकी विषयों की तरह इस विषय में व्याख्या की ज्यादा जगह नहीं है। इस विषय के अधिकतर जबाव तकनीकी रूप से देने होंगे। इसके लिए आरेख, सर्किट, फ्लोचार्ट का अभ्यास करना जरूरी है। कुछ भाग सैद्धांतिक है, लेकिन उसमें भी आरेख और चित्रों की मदद से अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं। उम्मीदवार सिग्नल और सिस्टम, एनालॉग कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिव ड्राइव के सिद्धांत, माइक्रोप्रोसेसर के भाग, पावर सिस्टम से जुड़ी बुनियादी अवधारणाओं को अच्छी तरह समझें।
नोट्स बनाना है बेहद जरूरी
इस विषय का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है। पाठ्यक्रम में कई सारे सूत्र, अवधारणाएं और आरेख हैं। इन्हें एक साथ याद करना मुश्किल हैं, ऐसे में आप सभी सूत्र और महत्वपूर्ण व्युपत्तियों को एक कॉपी में नोट कर लें। प्रत्येक खंड के लिए नोट्स बनाएं और इनका बार-बार रिवीजन करें। ध्यान रखें कि रिवीजन के बिना आप जानकारियों को याद नहीं रख पाएंगे। पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और पाठ्यक्रम के अनुरूप ही पढ़ाई करें।