ग्रामीण परिवेश के DSP सौरभ तिवारी ने लगातार 5 बार पास की PSC परीक्षा, जानिए कैसे
क्या है खबर?
कहते हैं कि आप तब तक नहीं हार सकते, जब तक आप कोशिश करना न छोड़ दें। इन पंक्तियों को मध्य प्रदेश निवासी सौरभ तिवारी ने सार्थक कर दिखाया है।
वे विपरीत परिस्थितियों में कभी नहीं टूटे, बल्कि उन्होंने कई रिकार्ड तोड़ दिए। लगातार 5 बार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा पास की।
सौरभ वर्तमान में विदिशा जिले के सिरोंज में DSP रैंक के SDOP पद पर तैनात हैं।
आइए उनकी कामयाबी की कहानी जानते हैं।
गांव
गांव में पले बढ़े हैं सौरभ?
सौरभ अशोक नगर जिले के पिपरई गांव निवासी हैं। उनके पिता गांव में ही सरकारी शिक्षक हैं।
सौरभ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हासिल की और स्नातक की पढ़ाई गुना से की।
गांव में पले-बढ़े सौरभ के लिए राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी करना चुनौतीपूर्ण रहा।
उन्होंने बताया "जब हम गांव से बाहर जाते हैं तो दूसरों को देखकर लगता है कि हम काफी पीछे हैं, लेकिन ये भावना मैंने अपने-आप पर कभी हावी नहीं होने दी।"
अधिकारी
बचपन में ही कर लिया था अधिकारी बनने का फैसला
सौरभ बचपन से ही अधिकारियों से प्रेरित रहे। गांव में रहने के दौरान वह कलेक्टर के कामकाज से बड़े प्रभावित थे।
उस समय उन्हें प्रशासनिक सेवा के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने बचपन में ही ठान लिया था कि वो भी अधिकारी बनेंगे।
उन्होंने गुना से स्नातक की पढ़ाई के दौरान आखिरी सेमेस्टर में परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी।
उन्होंने हिंदी माध्यम से होने के चलते काफी चुनौतियां झेली, लेकिन मेहनत से कभी पीछे नहीं हटे।
सफलता
लगातार 5 परीक्षा पास कर चुके हैं सौरभ
सौरभ ने 2013 से 2017 तक लगातार 5 परीक्षाएं पास की। 2013 में उनका चयन नायब तहसीलदार पद पर हुआ।
2014 में उन्होंने दोबारा परीक्षा पास की और जनपद पंचायत सीईओ पद पर चयनित हुए।
इसके बाद भी उनकी सफलता का क्रम जारी रहा। उनका नाम असिस्टेंट डायरेक्टर फाइनेंस और असिस्टेंट डायरेक्टर कॉर्पोरेटिव की वेटिंग लिस्ट में आया, लेकिन उनका सपना डिप्टी कलेक्टर/DSP बनने का था।
उन्होंने सपना पूरा करने के लिए मेहनत की और 2017 में DSP बन गए।
पढ़ाई
ऐसे पढ़ाई करते थे सौरभ
सौरभ बताते हैं, "मैं अलग तरीके से पढ़ाई करता था। मैंने कभी पढ़ाई के घंटों पर फोकस नहीं किया। मैं घंटों से ज्यादा प्रतिदिन के लक्ष्य को पूरा करने में विश्वास रखता था। मैंने पिछले साल के प्रश्नपत्रों और पाठ्यक्रम को पूरा करने पर विशेष फोकस रखा।"
सौरभ ने अपने कमजोर और मजबूत क्षेत्रों पर काम किया। सीमित अध्ययन स्त्रोत रखें, लेकिन रिवीजन पर ज्यादा ध्यान दिया। मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन पर विशेष जोर दिया।
आर्थिक
आर्थिक परेशानी के बीच की पढ़ाई
सौरभ के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उन्होंने प्राइवेट नौकरी के साथ तैयारी करने का सोचा, लेकिन परिवार ने हमेशा तैयारी पर ध्यान देने को कहा।
पिता ने कभी सौरभ के कांधों पर आर्थिक परेशानी का बोझ नहीं आने दिया। परिवार ने खुद कठिनाई उठाई, लेकिन सौरभ को हमेशा प्रेरित किया।
सौरभ ने भी परिवार को निराश नहीं किया। सीमित संस्थानों के बीच पढ़ाई की और केवल 1 बार नहीं, बल्कि लगातार 5 बार परीक्षा पास की।
मोटिवेट
खुद को ऐसे मोटिवेट रखते थे सौरभ
सौरभ ने बताया, "मेरे पिता ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। वे खुद अधिकारी बनना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उन्हें कभी गांव से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। मैं हमेशा अपने आप से यही कहता था कि मुझे मेहनत करके पिता का सपना पूरा करना है।"
उन्होंने बताया कि कई बार हम खुद को कमतर महसूस करते हैं, ये हमें पीछे धकेलता है। मैं अपने आप को ऐसी भावनाओं से दूर रखता था।
टिप्स
अभ्यर्थियों के लिए सौरभ का संदेश
सौरभ ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि पढ़ाई में निरंतरता रखें। पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह समझने के बाद तैयारी शुरू करें। समय-समय पर मॉक टेस्ट का अभ्यास कर अपनी तैयारी का आंकलन करें और तनाव बिल्कुल न लें।
उनके अनुसार, अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखें। धैर्य रखें। परीक्षा में पास न होने पर निराश न हों। किसी भी चीज़ से विचलित न हों। अपने माता-पिता के संघर्षों को ध्यान में रखकर मेहनत करें।