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22 साल की उम्र में सबसे युवा IPS बने थे सफीन हसन, पढ़ें सफलता की कहानी
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल कर IPS बनें सफीन हसन (तस्वीर: ट्विटर/@SafinHasan_IPS)

22 साल की उम्र में सबसे युवा IPS बने थे सफीन हसन, पढ़ें सफलता की कहानी

लेखन तौसीफ
Aug 21, 2022
07:00 pm

क्या है खबर?

गुजरात के रहने वाले सफीन हसन सिर्फ 22 साल की उम्र में ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल कर देश के सबसे युवा भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बने थे। 2018 में ट्रेनिंग पूरी होने पर उन्हें गुजरात में जामनगर जिले में पुलिस उप-अधीक्षक का पदभार सौंपा गया। लेकिन हसन का यहां तक का सफर आसान नहीं था। आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में जानते हैं।

प्रेरणा

स्कूल पहुंचे कलेक्टर से सफीन को मिली UPSC पास करने की प्रेरणा

सफीन जब अपने प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे थे, तब वहां एक कलेक्टर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। उनका रुतबा देख वे काफी प्रभावित हुए। इसके बाद जब उन्होंने कलेक्टर के बारे में जानकारी जुटाई तो उन्हें बताया गया कि वो "जिले का राजा" था जो UPSC पास करके यहां तक पहुंचा है। इसके बाद उन्होंने भी ठान लिया कि UPSC पास करके ऐसा अधिकारी बनना है।

मां

सफीन की मां शादियों में रोटियां बनाने का करती थी काम

गुजरात के पालनपुर जिले से आने वाले सफीन के पिता पेशे से इलेक्ट्रिशियन थे और मां शादियों में रोटियां बनाने का काम करती थीं। आर्थिक मजबूरियों के कारण उनके लिए अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था। उन्होंने अपनी कक्षा 10 तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से की जो कि गुजराती मीडियम था। कक्षा 10 में उनके 92 प्रतिशत अंक आए और प्रतिभाशाली छात्र होने के चलते उन्हें एक प्राइवेट स्कूल में कम फीस में एडमिशन मिल गया।

मजाक

इंग्लिश बोलने पर दोस्त उड़ाते थे मजाक

स्कूलिंग के बाद सफीन ने सूरत स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा. "स्कूल से जब मैं कॉलेज में आया, तब मेरा असल संघर्ष शुरू हुआ। मेरे साथ में पढ़ने वाले दोस्त तब मेरी इंग्लिश बोलने के लहजे का मजाक उड़ाते थे। लेकिन मैंने इंग्लिश बोलना जारी रखा। UPSC का इंटरव्यू मैंने इंग्लिश में दिया और इसमें मैंने अच्छा स्कोर किया।"

संघर्ष

परीक्षा से पहले हुआ एक्सीडेंट, दवा खाकर दिया पेपर

UPSC की मुख्य परीक्षा के चौथे पेपर से ठीक पहले सफीन का एक्सीडेंट हो गया था। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र पहुंचने के दौरान फिसलने से उनके घुटने, कोहनी और सिर में चोट लग गई। हसन कहते हैं कि सड़क दुर्घटना के बाद वे पेन किलर (दवा) लेकर खुद ड्राइव कर परीक्षा केंद्र पहुंचे थे और पेपर खत्म होने के बाद जब डॉक्टर के पास गए तो घुटने का जोड़ टूटने का पता चला।

मदद

UPSC की तैयारी में एक व्यापारी ने की सफीन की आर्थिक मदद

सफीन ने इंजीनियरिंग करने के बाद कॉलेज प्लेसमेंट में न बैठकर UPSC की तैयारी करने का फैसला लिया। दिल्ली की कोचिंग और रहने व खाने का खर्चा उनके इलाके के एक ऐसे व्यापारी ने दिया जिन्हें सफीन की प्रतिभा पर काफी भरोसा था। सफीन ने गुजरात लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 34वीं रैंक के साथ पास की थी। उन्हें जिला रजिस्ट्रार की नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने कोशिश जारी रखी और UPSC पास करके ही दम लिया।