NEET परीक्षा परिणाम से तनाव में हैं तो इन नंबरों पर करें कॉल, मिलेगी मदद
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) UG का परिणाम जारी कर दिया है। इस बार 11 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा पास की, लेकिन कई अभ्यर्थी सफल नहीं हो पाए। कुछ अभ्यर्थी अपनी असफलता को स्वीकार नहीं कर पाते और आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे छात्रों के लिए भारत सरकार ने टेलीमानस सेवा शुरू की है। इस पर कॉल कर छात्र अपनी परेशानी साझा कर सकते हैं।
तनाव में हैं तो इन नंबरों पर कॉल करें
अगर आप परिणामों से परेशान हैं तो अवसाद या तनाव को महसूस कर रहे हैं तो तुरंत ही टेलीमानस के 14416 या 1800914416 नंबर पर कॉल करें। किसी भी तरह का गलत कदम उठाने से पहले इन नंबरों पर कॉल कर काउंसलर से अपनी परेशानी साझा करें। वहां मौजूद काउंसलर आपकी सभी समस्याओं को सुनेंगे और उन्हें हल करने के लिए मार्गदर्शन भी देंगे। इस सेवा पर हर राज्य और हर भाषा के काउंसलर्स मौजूद हैं।
कब हुई टेलीमानस की शुरुआत?
10 अक्टूबर, 2022 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सरकार ने टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग एक्रॉस स्टेट्स (टेलीमानस) पहल की शुरुआत की थी। इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में निशुल्क टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इस पहल में कुल 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का नेटवर्क है। इस सेवा का नोडल केंद्र NIMHANS बेंगलुरू में है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरू भी इस पहल में सहायता करता है।
कैसे काम करती है टेलीमानस?
टेलीमानस में योग्य काउंसलर और डॉक्टर तैनात हैं, जो 24 घंटे लोगों की परेशानी सुनते हैं। लोग अलग-अलग माध्यमों से इस नंबर पर कॉल करते हैं। इसमें तनाव, डिप्रेशन, आत्महत्या के विचार से जूझ रहे लोगों की ऑनलाइन काउंसलिंग होती है। विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर लोगों से बात करते हैं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए अच्छी सलाह देते हैं। फोन करने वाली व्यक्ति की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है।
मनोवैज्ञानिकों की सलाह, छात्र अकेले न रहें
मनोवैज्ञानिकों की सलाह है कि अगर आप तनाव से जूझ रहे हैं तो अकेले न रहें और सकारात्मक लोगों से बातचीत करें। उनके अनुसार, मन बहलाने के लिए बाहर घूमें। कभी-कभी परिणाम मन के मुताबिक नहीं आते। ऐसे में हिम्मत न हारें। अगली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करें। परीक्षा में असफल होने से जिंदगी खत्म नहीं होती, लेकिन कुछ छात्र इस बात को नजरअंदाज कर गहरे अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे में माता-पिता उनका खास ख्याल रखें।