NCTE के 4 वर्ष एकीकृत शिक्षक शिक्षा कोर्स की आवेदन प्रक्रिया शुरू
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार के बहु-विषयक विश्वविद्यालय या संस्थान चार वर्ष के ITEP की मान्यता प्राप्त करने के लिए 1 से 31 मई तक www.ncte.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके तहत तीन तरह के कोर्स शुरू किए जाएंगे जिनमें BA-BEd, BSc-BEd BCom-BEd शामिल हैं।
NTA आयोजित करेगा प्रवेश परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, 22 अक्टूबर, 2021 को जारी की गई अधिसूचना में बताया गया है कि ITEP एक डुअल डिग्री स्नातक कोर्स है। यह शिक्षक शिक्षा से संबंधित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रमुख आदेशों में से एक है। इन कोर्स में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) नेशनल कॉमन एंट्रेस टेस्ट (NCET) का आयोजन करेगा। NTA इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की मेरिट तैयार करने के बाद सीट आवंटित करेगा।
इतिहास, गणित, विज्ञान और कला जैसे विषयों में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा ये कोर्स
NCTE की तरफ से जारी की गई आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस कार्यक्रम का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया है कि यह एक छात्र-शिक्षक को शिक्षा के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या वाणिज्य जैसे विशेष विषयों में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। इसमें अत्याधुनिक शिक्षा की जानकारी के साथ -साथ प्रारंभिक बचपन, देखभाल और शिक्षा (ECCE), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) और समावेशी शिक्षा आदि के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।
2030 से चार वर्ष के BEd कोर्स से होगा शिक्षकों का चयन
NEP के तहत 2030 से स्कूलों में शिक्षकों का चयन चार वर्ष के एकीकृत BEd कोर्स के आधार पर ही होगा। इस नए कोर्स से छात्रों के एक साल की बचत भी होगी क्योंकि स्नातक और BEd करने में पांच साल का समय लग जाता है। अगर कोई छात्र कक्षा 12 के बाद शिक्षक क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहता है तो वह सीधे BA-BEd, BSc-BEd या BCom-BEd में दाखिला ले सकता है।
NEP के बारे में कुछ अहम बातें
केंद्र सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया था। इस नीति में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक ही नियामक रखने और MPhil को खत्म करने का फैसला किया गया था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई थी। बता दें कि NEP 1986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था।