केंद्र सरकार ने किए SPG के सुरक्षा नियमों में बदलाव, कांग्रेस ने किया विरोध
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को मिलने वाली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की सुरक्षा के नियमों में बदलाव किया है।
अब यह सुरक्षा प्राप्त सभी व्यक्तियों को SPG सुरक्षाकर्मियों को अपने विदेश दौरे के दौरान भी साथ ले जाना पड़ेगा।
इस नियम को नहीं मानने पर सुरक्षा के लिहाज से उनकी विदेश यात्रा रद्द की जा सकती है।
बता दें, फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी के अलावा सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी को यह सुरक्षा प्राप्त है।
सुरक्षा
विदेश दौरे पर गांधी परिवार नहीं लेता SPG सुरक्षा
SPG सुरक्षा प्राप्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में विदेश गए हैं। कहा जाता है कि गांधी परिवार निजता का हवाला देकर SPG सुरक्षाकर्मियों को अपने साथ विदेश दौरों पर नहीं ले जाता है।
सोनिया, राहुल और प्रियंका देश में SPG सुरक्षा के घेरे में रहते हैं। विदेश दौरे के दौरान SPG जवान पहले पड़ाव तक गांधी परिवार के साथ जाते थे, लेकिन इसके बाद उन्हें वापस देश भेज दिया जाता था।
जानकारी
गांधी परिवार को SPG को देनी होगी विदेश दौरों की जानकारी
नए नियमों के मुताबिक, गांधी परिवार को अपने विदेश दौरों की जानकारी SPG को देनी होगी। साथ ही उन्हें पिछले दौरों की जानकारी देने को भी कहा गया है। केंद्र सरकार के इस फैसला का कांग्रेस ने विरोध किया है।
विरोध
कांग्रेस ने किया केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध
केंद्र सरकार द्वारा SPG के नियमों में किए गए बदलाव पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस बदलाव के जरिए गांधी परिवार की जासूसी करना चाहती है।
कांग्रेस प्रवक्ता बृजेश कलप्पा ने कहा कि यह सीधा-सीधा गांधी परिवार को निगरानी में रखने का मामला है।
वहीं केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है।
SPG
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था SPG का गठन
SPG का गठन 1985 में पू्र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था।
1988 में संसद ने SPG कानून पारित किया था। इसका काम प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करना था।
1989 में वीपी सिंह सरकार ने राजीव गांधी से SPG सुरक्षा वापस ले ली थी। उनकी हत्या के बाद SPG कानून में बदलाव किया गया।
इसके बाद प्रधानमंत्री, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की जिम्मेदारी SPG को सौंपी गई।
समीक्षा
हर साल होती है समीक्षा
साल 2002 में SPG कानून में एक और संशोधन कर सुरक्षा का सालाना समीक्षा का प्रावधान किया गया।
अब केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय हर साल SPG सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है।
अगर ऐसा महसूस किया जाता है कि किसी महत्वूपर्ण व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा नहीं है तो उनसे SPG कवर वापस ले लिया जाता है।
हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की SPG सुरक्षा वापस ली गई थी।