कर्ज चुकाने में विफल रही अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशन, दाखिल की दिवालिया होने की अर्जी
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन (RCom) दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। एक दौर में देश की शीर्ष कम्यूनिकेशन कंपनी रही RCom संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाने में असफल रही है। ऐसे में कंपनी के बोर्ड ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच में दिवालिया होने की याचिका दायर की है। इससे 270 दिनों की तय अवधि में RCom की संपत्ति बेचकर कर्ज का भुगतान किया जा सकेगा।
RCom पर कितना कर्ज
RCom पर Rs. 46,000 करोड़ का कर्ज है। इसे चुकाने के लिए कंपनी के बोर्ड ने जून, 2017 में संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाने की योजना बनाई। बोर्ड ने पाया कि 18 महीनों बाद भी इस योजना से कर्जदाताओं को अब तक कुछ नहीं मिला है।
कंपनी का बयान
कंपनी ने बयान में कहा कि कंपनी को उधार देेने वाली संस्थाओं में एक मत नहीं बन पाया। इसके अलावा कंपनी कई कानूनी मामलों का भी सामना कर रही है। इसी आधार पर कंपनी के बोर्ड ने फैसला किया कि RCom NCLT में तेजी से समाधान का विकल्प चुनेगी। कंपनी का मानना है कि यह फैसला सभी संबंधित पक्षों के हित में है। बयान के मुताबिक इस फैसले का कंपनी के दूसरी सब्सिडरी कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
स्पेक्ट्रम न बेच पाने का भी बड़ा असर
RCom को अपनी संपत्ति के बदले Rs. 25,000 करोड़ मिलने की उम्मीद थी। इसमें से Rs. 975 करोड़ स्पेक्ट्रम की बिक्री से आने की सभावना थी, लेकिन दूरसंचार विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण RCom और रिलायं जियो की यह डील अटकी हुई है। RCom इस रकम से Rs. 550 करोड़ एरिक्सन और Rs. 230 करोड़ रिलायंस इन्फ्राटेल को चुकाने वाली थी, लेकिन डील अटकने के कारण कंपनी यह वादा पूरा नहीं कर पाई।