देसी जुगाड़: इंजीनियरिंग के ऐसे उदाहरण जो केवल भारत में ही देखने को मिलेंगे
भारत जुगाड़ की भूमि है। जुगाड़ एक हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ है कि संसाधनों के कम होने की स्थिति में किफ़ायती समाधान। जुगाड़ जीवन का एक तरीक़ा है। भारतीयों के पास कम लागत में लगभग हर समस्या का व्यावहारिक समाधान है। 'जुगाड़ इनोवेशन' के लेखक जयदीप प्रभु कहते हैं, "जुगाड़, समस्या समाधान और नवाचार के लिए मितव्ययी, लचीला और समावेशी दृष्टिकोण है।" यहाँ हम आपको भारतीय जुगाड़ इंजीनियरिंग के पाँच उदाहरण बताने जा रहे हैं।
थर्मोकोल जूते: जिससे पानी पर चला जा सकता है
भारत में बारिश के मौसम में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर जलभराव और बाढ़ आम बात है, जिससे लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित हो जाती है। बाढ़ के दौरान लोगों को पानी पर चलने में मदद करने के लिए द्वारका प्रसाद चौरसिया ने 1980 के दशक में "वाटर वॉकिंग शूज" का अविष्कार किया। रेक्सीन से जुड़े दो थर्मोकोल फ़्लोट्स वले जूते इतने उपयोगी होते हैं कि लोग आज भी बाढ़ के दौरान उनका इस्तेमाल करते हैं।
कपड़े धोने और एक्सरसाइज करने की मशीन
वॉशिंग मशीन एक लक्ज़री चीज है, जो हर कोई नहीं ख़रीद सकता है, ख़ासकर भारत में ख़रीदना यह सबके लिए आसान नहीं है। हालाँकि, हाथ से कपड़े धोने में बहुत मेहनत और थकावट होती है। केरल के मलप्पुरम की रीमा जोस ने, जो कपड़े धोने से थक गई थीं, एक किफ़ायती समाधान के बारे में सोचा। इसके बाद उन्होंने एक साइकिल के साथ एक वॉशिंग मशीन-कम-एक्सरसाइज मशीन बनाई, जो केवल 3-4 मिनट की पैडलिंग के बाद कपड़े धोती है।
जुगाड़ साइकिल जिससे बिजली पैदा होती है
बिजली की अनियमित आपूर्ति एक बड़ी समस्या है। इससे परेशान होकर हरियाणा के सिरसा में दो लोगों ने जुगाड़ साइकिल बनाई, जो बिजली पैदा कर सकती है। यह दो घंटे की पैडलिंग के बाद छह घंटे का बैकप देते हुए इन्वर्टर चार्ज कर सकती है।
पुरानी साइकिल से कम लागत और बिना ईंधन वाला हल
2016 में उत्तर प्रदेश के बाँदा में एक किसान राम प्रसाद ने एक पुरानी साइकिल को कम लागत में बिना ईंधन वाले हल में बदल दिया। उन्हें यह विचार उस समय आया, जब उन्हें सूखे की वजह से अपने बैल बेचने पड़े थे। उनके पास खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर और उपकरण रखने के पैसे नहीं थे। वर्षों तक प्रयोग करने के बाद उन्होंने अंत में सिंगल-व्हील, फ़्रंट/रियर हैंडल और डिगर के साथ बिना ईंधन वाल हल बनाया।
पुरानी साड़ियों से बहुद्देशीय रस्सियाँ बनाना
पुरानी साड़ियों से बहुद्देशीय रस्सियाँ बनाना सबसे आम जुगाड़ में से एक है। कुछ लोगों ने लंबी रस्सी बनाने के लिए चोटी और सुतली साड़ी (कपड़े) की पट्टियाँ भी बनाई हैं। ये रस्सियाँ काफ़ी मज़बूत होती हैं और कई काम में आती हैं।