न्यूजीलैंड मंदी की चपेट में, GDP में आई गिरावट
न्यूजीलैंड में आर्थिक चुनौती से संभलना मुश्किल हो रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई है। तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि पूर्वानुमान -0.1 प्रतिशत था। अनुमान जताया जा रहा है कि न्यूजीलैंड का रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की और कटौती करेगा। इससे पहले केंद्रीय बैंक 125 आधार अंकों की कटौती कर दरों को 4.25 प्रतिशत कर चुका है।
लगातार 2 तिमाही में दिखी गिरावट
न्यूजीलैंड में इससे पहले जून तिमाही में 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। लगातार 2 तिमाहियों में गिरावट तकनीकी मंदी को बताती है। इससे स्थानीय डॉलर 2 साल के नए निचले स्तर 0.5614 डॉलर पर पहुंच गया, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कठोर नीतिगत ढील के कारण पहले ही 2.2 प्रतिशत गिरा है। अगर कोरोना महामारी के दौरान 2021 के अंत की गिरावट को अलग कर दें तो यह 1991 के मध्य के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक चुनौती
देश में GDP गिरने के मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र के अलावा अन्य रहे, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र में 2.6 प्रतिशत, बिजली और गैस में 3.7 प्रतिशत, निर्माण में 2.8 प्रतिशत और खुदरा क्षेत्र में 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। विनिर्माण में गिरावट का कारण मध्य शीतकाल में ऊर्जा की कमी है, जिससे कुछ व्यवसायों को उत्पादन कम करना पड़ा है। डेयरी उत्पादन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, किराया और रियल एस्टेट उद्योगों के बल पर कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई है।