भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर हुई 7.78 प्रतिशत, चार महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंची
आर्थिक सुस्ती से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था का असर देश में रोजगार पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। आर्थिक मंदी के कारण देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार फरवरी माह में देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.78 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 5.97 प्रतिशत ही था।
चार माह से लगातार बढ़ रही बेरोजगारी दर
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी की दल माह दर माह बढ़ती जा रही है। फरवरी की बेरोजगारी पिछले चार माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर 2019 में देश में बेरोजगारी दर 7.16 प्रतिशत थी। इसके बाद के दो माह में इसमें गिरावट आई थी, लेकिन फरवरी में इसमें फिर से इजाफा हो गया और यह 7.78 प्रतिशत के साथ चार माह के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
शहरी क्षेत्रों में कम हुई बेरोजगारी दर
सरकार की ओर से बेरोजगारी को दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयसों का असर शहरी क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है।रिपोर्ट के अनुसार जहां सकल बेरोजगारी की दर में इजाफा हुआ है, वहीं यदि शहरी क्षेत्र की बात करें तो इसमें गिरावट आई है। फरवरी में शहरी क्षेत्र की बेरोजगारी दर गिरकर 8.65 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जनवरी में यह दर 9.70 प्रतिशत थी। इससे जाहिर होता है शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही है बेरोजगारी दर
आपको बता दें कि शहरी क्षेत्रों के विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के पर्याप्त असवर नहीं मिल रहे हैं। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी दर जनवरी की दर 5.97 प्रतिशत से बढ़कर 7.37 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
जनवरी में अपने चरम पर थी शहरी बेरोजगारी
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आई थी। अक्टूबर 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8 प्रशित थी जो दिसंबर में घटकर 6.9 प्रतिशत पर आ गई थी। इसी तरह जनवरी में इसमें गिरावट देखने को मिली और यह 6 प्रतिशत पर आ गई थी। इसके उलट शहरी क्षेत्रों में दिसंबर 2019 में यह 9 प्रतिशत की तुलना में 9.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं अगस्त 2019 में 9.71 प्रतिशत थी और अब यह 8.65 प्रतिशत है।
देश की GDP में हुआ था 0.2 प्रतिशत का सुधार
सरकार की ओर से शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने चालू वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधिकारिक आंकड़े प्रस्तुत कर थे। उसमें विकास दर 4.7 प्रतिशत बताई गई थी। यह दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर की विकास दर 4.5 प्रतिशत से 0.2 प्रतिशत अधिक थी। सरकार ने पूरे वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर के 5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा था।