#NewsBytesExplainer: NCPI भारत के पेमेंट क्षेत्र में इस तरह से बना क्रांति का गवाह
भारत में डिजिटल पेमेंट बढ़ाने में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NCPI) की बड़ी भूमिका है। इसने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के लिए कई नए फीचर्स लॉन्च कर इसे और बेहतर बनाया है। आज डिजिटल लेनदेन में UPI की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। NCPI को पेमेंट सिस्टम के संचालन के लिए 24 सितंबर, 2009 को मंजूरी मिली थी। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की पहल है और यह एक स्वतंत्र संगठन बन गया है।
NCPI ने 2022 में दर्ज किया 733 करोड़ रुपये का लाभ
इस संगठन की एकाधिकारवादी शक्ति NCPI को सभी पेमेंट कंपनियों के बीच एक बड़ा लाभ कमाने वाला केंद्र बनने में मदद करती है। इस गैर-लाभकारी संगठन ने मार्च, 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए 733 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 84 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि थी। इस वित्त वर्ष की जानकारी अभी तक सावर्जनिक नहीं की गई है।
अपने पूरे मुनाफे को निवेश कर रहा है NCPI
NCPI का स्वामित्व बैंकों और अन्य पेमेंट कंपनियों के पास है और एक गैर-लाभकारी संगठन होने के नाते NCPI अधिक प्रोडक्ट बनाने और नए फीचर्स जोड़ने के लिए अपने सभी मुनाफे का निवेश कर रहा है। NCPI ऑफर और पार्टनरशिप के जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड के दायरे का विस्तार करने के अलावा UPI के अंतरराष्ट्रीयकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, UPI को अन्य देशों तक बढ़ाए जाने पर चर्चा भी चल रही है।
इन प्रोडक्ट के जरिए NCPI बढ़ा रहा डिजिटल पेमेंट का दायरा
NCPI पेमेंट सिस्टम की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग के जरिए खुदरा पेमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। देश में NCPI के विभिन्न प्रोडक्ट मौजूद हैं। इनमें रुपे, तत्काल पेमेंट सर्विस (IMPS), नेशनल ऑटोमैटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), आधार पेमेंट ब्रिज (APB), आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (AePS) मौजूद हैं। इनके अलावा नेशनल फाइनेंशियल स्विच (NFS) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NETC) फास्टैग हैं।
UPI ने 8 साल से भी कम समय हासिल की ये उपलब्धि
संगठन का सबसे सफल प्रोडक्ट UPI एक दिन में 34 करोड़ लेन-देन करता है और जल्द ही इसका दैनिक लेनदेन मास्टरकार्ड के 44 करोड़ के दैनिक लेनदेन से अधिक होने की उम्मीद है। बता दें, दुनिया का सबसे बड़ा कार्ड नेटवर्क वीजा प्रतिदिन औसतन 75 करोड़ लेनदेन करता है मास्टरकार्ड और वीजा दशकों पुरानी कंपनियां हैं और 200 से अधिक देशों में मौजूद हैं। इन सबके बीच UPI ने 8 साल से भी कम में अपनी जगह बनाई है।
घाटे में हैं अधिकांश पेमेंट फिनटेक
वित्त वर्ष 2022 के दौरान कंपनी का राजस्व 1,629 करोड़ रुपये था, जो दर्शाता है कि इसका मार्जिन 47 प्रतिशत से अधिक है। दूसरी तरफ इस क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश पेमेंट फिनटेक अभी भी घाटे में हैं। पेमेंट सर्विस से होने वाली आय NCPI के परिचालन राजस्व का 96.1 प्रतिशत है। हालांकि, पेमेंट गेटवे कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन वे सभी मिलकर भी NCPI के मुनाफे की बराबरी नहीं कर पाएंगी।
NCPI के BBPS का है ये काम
वर्ष 2016 में RBI और NCPI द्वारा स्थापित भारत बिल भुगतान सिस्टम (BBPS) अब एक अलग सहायक कंपनी के रूप में चलाई जाती है और इस प्लेटफॉर्म पर 20,000 से अधिक बिलर्स हैं। इनमें बिजली कंपनियों से लेकर टेलीकॉम कंपनियां, लोन पेमेंट और स्कूल फीस पेमेंट आदि शामिल हैं। BBPS की स्थापना से पहले केवल 20 प्रतिशत बिल डिजिटल रूप से भुगतान हो रहा था। अब 70 प्रतिशत से अधिक बिल डिजिटल तरीके से पेमेंट होता है।
UPI के लिए NCPI ने जोड़े ये नए फीचर्स
नए फीचर्स में UPI पर क्रेडिट लाइन, वॉयस एक्टिवेटेड पेमेंट मोड हैलो UPI, चैट आधारित बिल पेमेंट फीचर बिलपे कनेक्ट, UPI टैप एंड पे और ऑन-डिवाइस वॉलेट फीचर UPI लाइट आदि शामिल हैं। NCPI ने यह भी दिखाया कि ग्राहक बिना कार्ड के UPI से ATM से नकदी निकाल सकते हैं। RBI और सरकार के समर्थन से UPI ने बड़े पैमाने पर प्रगति की है। प्लेटफॉर्म ने पहली बार अगस्त में 1,000 करोड़ से अधिक मासिक लेनदेन दर्ज किए हैं।
ये हैं NCPI के अन्य प्लेटफॉर्म
फास्टैग, IMPS, रुपे आदि अन्य NCPI के प्लेटफॉर्म हैं। फास्टैग के जरिए हाईवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन किया जाता है। IMPS का इस्तेमाल एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। रुपे कार्ड वीजा और मास्टरकार्ड की तरह ही डेबिट और क्रेडिट की सुविधा देता है। NCPI को उसके इन्हीं विभिन्न प्रोडक्ट के जरिए पेमेंट क्षेत्र का डिजिटलीकरण करने और क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला माना जाता है।