#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान में क्यों और कब से लगा है भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध?
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। आतंकवाद और राजनीति के कारण दोनों देशों की तल्खियां कभी कम नहीं होतीं। दुश्मनी के बीच कला ऐसी चीज है, जो दोनों देशों की आम जनता के दिलों को जोड़ने का काम करती हैं। खासकर, बॉलीवुड फिल्में और बॉलीवुड कलाकार पाकिस्तान में खूब पसंद किए जाते हैं। आज बात करते हैं भारत-पाकिस्तान के फिल्मी रिश्ते के बारे में।
एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने लगाया भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध
पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्मों की खूब दीवानगी है। हालांकि, फिल्में भी भारत-पाकिस्तान के तनाव का शिकार रही हैं। 14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा और भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की। एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों की दुश्मनी और बढ़ गई। एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सरकार ने पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों की रिलीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान में कोई भारतीय फिल्म रिलीज नहीं हुई है।
4 दशक तक नहीं लगीं बॉलीवुड फिल्में
पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला 1962 से ही शुरू हो गया था। 1965 के युद्ध के वक्त पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, कभी इनका सख्ती से पालन नहीं किया गया था। करीब 4 दशक बाद, 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों से प्रतिबंध हटा दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी दर्शकों को लंबे अरसे बाद बॉलीवुड फिल्मों का मजा लेने का मौका मिला।
इन फिल्मों पर लगाई गई थी रोक
पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद भारतीय फिल्में पाकिस्तानी दर्शकों तक पहुंचती थीं। कई बार सेंसर बोर्ड ने कुछ भारतीय फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज करने से इंकार कर दिया। सलमान खान की फिल्म 'एक था टाइगर' और 'एजेंट विनोद' में दिखाई गई पाकिस्तान की छवि के कारण फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 'परमाणु', 'राजी', 'रईस', 'गोल्ड' 'नीरजा', 'हैदर' समेत कई फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज नहीं किया गया।
कई फिल्मों को मिला बेशुमार प्यार
कई बॉलीवुड फिल्में ऐसी भी हैं, जिन्हें पाकिस्तानी दर्शकों ने खूब प्यार दिया। इन फिल्मों ने पाकिस्तानी बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई की। रणबीर कपूर की फिल्म 'संजू' ने पाकिस्तान में करीब 37.60 करोड़ रुपये कमाए थे। 2013 में आई 'धूम 3' ने पाकिस्तान में 25 करोड़ रुपये की कमाई की थी। सलमान की 'बजरंगी भाईजान' ने 23 करोड़, आमिर खान की 'PK' ने 22 करोड़ और शाहरुख खान की 'दिलवाले' ने 20 करोड़ रुपये कमाए थे।
गैर-कानूनी तरीके से दिखाई गई 'पठान'
भले ही पिछले 4 सालों से पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन दर्शकों में इन फिल्मों की दीवानगी बरकरार है। पिछले साल आई फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' को रिलीज करने के लिए एक सिनेपेक्स मीडिया ग्रुप ने सरकार से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग की थी। जनवरी में आई शाहरुख की 'पठान' की पाकिस्तान में गैर-कानूनी तरीके से स्क्रीनिंग की जा रही थी। इसके टिकट 900 रुपये तक में बिक रहे थे।
OTT प्लेटफॉर्म एकमात्र सहारा
प्रतिबंध के बाद अब पाकिस्तानी दर्शकों के पास भारतीय कंटेंट देखने का एकमात्र जरिया OTT प्लेटफॉर्म हैं। नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे प्लेटफॉर्म पर वे भारतीय कंटेंट देख सकते हैं। इसके अलावा यूट्यूब पर मौजूद भारतीय फिल्मों का भी वे मजा ले सकते हैं। हालांकि, OTT कल्चर पाकिस्तान में अभी ज्यादा प्रचलित नहीं है। ऐसे में भारतीय फिल्मों को देखने का उनका इंतजार फिलहाल अनिश्चितकालीन नजर आता है।
प्रतिबंध हटाने की हो रही मांग
एयरस्ट्राइक के बाद लगे प्रतिबंध के पहले तक पाकिस्तानी सिनेमाघरों की 70 प्रतिशत कमाई बॉलीवुड फिल्मों से होती थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2007 में जब बॉलीवुड फिल्मों से प्रतिबंध हटा तो सिनेमाघरों को अच्छी संख्या में दर्शक मिलने लगे। इससे पाकिस्तान में मल्टीप्लेक्स बिजनेस खूब फला-फूला और देश भर में कई नए सिनेमाघर बनें। मनोरंजन जगत को हो रहे आर्थिक नुकसान को देखते हुए पाकिस्तानी निर्माता समय-समय पर बॉलीवुड फिल्मों से प्रतिबंध हटाने का पक्ष ले चुके हैं।