
भारत में तेजी से बढ़ रहा है इन्फ्लुएंसर बाजार, लेकिन कमाई अब भी बड़ी चुनौती
क्या है खबर?
भारत में इन्फ्लुएंसर बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कोफ्लुएंस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 35-45 लाख लोग सोशल मीडिया पर कंटेंट बना रहे हैं। ये क्रिएटर हर साल करीब 22 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं, लेकिन इतने क्रिएटरों में से सिर्फ 4.5 से 6 लाख लोग ही अपनी पोस्ट या वीडियो से नियमित रूप से पैसे कमा पा रहे हैं। बाकी लोगों के लिए यह अभी भी एक पार्ट टाइम काम जैसा ही है।
कमी
सोशल मीडिया से कमाई कैसे कर रहे हैं क्रिएटर?
बहुत से इन्फ्लुएंसर इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म से ब्रांड प्रमोशन, शॉर्ट वीडियो और विज्ञापनों से पैसे कमाते हैं। इंस्टाग्राम सबसे बड़ा मंच बन गया है, जहां 30 से 38 लाख क्रिएटर हैं। वहीं, यूट्यूब पर 5 से 7 लाख लोग एक्टिव हैं। शॉर्ट वीडियो कंटेंट सबसे ज्यादा कमाई देने वाला तरीका बन गया है, खासकर यूट्यूब शॉर्ट्स और इंस्टाग्राम रील्स के जरिए। कई क्रिएटर एक रील पर हजारों रुपये तक कमा लेते हैं।
मुश्किलें
कमाई में आ रही हैं कई मुश्किलें
ज्यादातर क्रिएटर को सही कमाई नहीं हो रही है। सिर्फ 12 प्रतिशत लोग हैं जो सोशल मीडिया से अच्छी इनकम ले पाते हैं। बाकी को ब्रांड डील्स की कमी, एल्गोरिदम के बदलाव और नियमों की उलझन से परेशानी होती है। बहुत सी डील्स कैश की जगह गिफ्ट या चीजों के आदान-प्रदान पर होती हैं। रिपोर्ट बताती है कि 50,000 रुपये महीने कमाने में एक नए क्रिएटर को 5-7 साल लग सकते हैं, वह भी अगर कंटेंट वायरल हो जाए।
ब्रांड खर्च
ब्रांड खर्च कर रहे हैं करोड़ों रुपये
ई-कॉमर्स कंपनियां सबसे ज्यादा पैसा इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग पर खर्च कर रही हैं। साल 2024 में इसने 700 से 800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। FMCG कंपनियों ने भी 560 से 650 करोड़ रुपये खर्च किए। सबसे ज्यादा फोकस इंस्टाग्राम पर होता है, जिसे ब्रांड अपना आधे से ज्यादा बजट देते हैं। 18 से 25 साल की उम्र वाले युवा सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। त्योहारों, खासकर दिवाली पर, ब्रांड्स सबसे ज्यादा प्रचार करवाते हैं।