रेलवे मंत्रालय के किस फैसले के कारण 29 प्रतिशत गिरे IRCTC के शेयर?
गुरूवार को लिए गए रेलवे मंत्रालय के एक फैसले ने उसकी सहभागी कंपनी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के शेयर में उथल-पुथल मचा दी और आज बाजार खुलते ही ये लगभग 30 प्रतिशत गिर गए। इस गिरावट को देख कर मंत्रालय को मात्र 19 घंटे के अंदर अपने फैसले को वापस लेना पड़ गया जिसके बाद शेयरों की रिकवरी हुई है। चलिए आपको बताते हैं कि रेलवे का ये फैसला क्या था और इसका क्या असर पड़ा।
रेलवे मंत्रालय के किस फैसले से मचा हाहाकार?
रेलवे मंत्रालय ने गुरूवार को IRCTC से सुविधा शुल्क से उसे वाली कमाई का आधा हिस्सा उसके साथ बांटने को कहा था। IRCTC ने बाजार बंद होने के बाद स्कॉट एक्सचेंज को ये जानकारी दी और बताया कि रेलवे 1 नवबंर से सुविधा शुल्क का 50 प्रतिशत हिस्सा चाहता है। दरअसल, IRCTC अपने प्लेटफॉर्म से होने वाली टिकट बुकिंग के लिए यात्रियों से सुविधा शुल्क लेता है और उसकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इसी से आता है।
फैसले के बाद क्या हुई शेयरों की स्थिति?
रेलवे के इस फैसले के बाद आज सुबह जैसे ही शेयर बाजार खुला, IRCTC के शेयर नीचे जाने शुरू हो गए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक समय ये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लगभग 29 प्रतिशत गिर कर 650.10 रुपये के हो गए, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 30 प्रतिशत गिरकर 639.45 रुपये की कीमत पर पहुंच गए। ऐसा होते ही रेलवे मंत्रालय ने अपना फैसला वापस ले लिया। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग(DIPAM) ने इसकी जानकारी दी।
अभी शेयरों की क्या स्थिति?
रेलवे मंत्रालय के फैसले लेने के बाद IRCTC के शेयरों में सुधार हुआ है और ये एक समय 39 प्रतिशत रिकवरी करके 906 रुपये पर पहुंच गए। अभी ये एक बार फिर से नीचे आ गए हैं। दोपहर 3:30 IRCTC के शेयर NSE पर 7.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 845.15 रुपये पर ट्रेंड कर रहे थे। वहीं BSE पर ये 7.47 प्रतिशत गिरावट के साथ 845.50 रुपये पर ट्रेंड कर रहे हैं।
IRCTC को कितना नुकसान हुआ?
IRCTC रेलवे टिकट बुकिंग के अलावा ट्रेनों में खाना प्रदान करने का काम भी करती है और इन दोनों क्षेत्रों में उसका एकछत्र राज है। वित्त वर्ष 2019-20 में उसने केवल टिकट बुकिंग के जरिए 620 करोड़ रुपये कमाए थे। इसके 50 प्रतिशत का मतलब है कि लगभग 310 करोड़ रुपये कमाने के लिए सरकार ने एक समय लगभग 18,000 करोड़ रुपये (30 प्रतिशत पर) गंवा दिए थे। अभी भी IRCTC लगभग 400 करोड़ रुपये के नुकसान में है।