भारतीय वायुसेना के लिए 56 C-295MW परिवहन विमानों की खरीद को कैबिनेट की मंजूरी
क्या है खबर?
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने बुधवार को भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए मैसर्स एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए स्पेन के 56 C-295MW परिवहन विमान की खरीद को मंजूरी दे दी।
सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें 16 विमान स्पेन से खरीदे जाएंगे तथा 40 विमानों का निर्माण टाटा कंसोर्टियम द्वारा भारत में ही किया जाएगा।
यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
बयान
परियोजना से 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को मिलेगा बड़ा बढ़ावा- सरकार
सरकार की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि परियोजना के तहत सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा।
यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी, जिसमें देश भर में फैले कई MSME विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे।
बयान में यह भी कहा है कि यह परियोजना केंद्र सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को और अधिक बढ़ावा देगी।
जानकारी
5-10 टन क्षमता का परिवहन विमान है C-295MW
बता दें कि C-295MW विमान समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है जो IAF के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए विमान में एक रियर रैंप दरवाजा भी होगा।
बढ़ावा
घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी परियोजना- सरकार
सरकार की ओर से कहा गया है कि यह परियोजना घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी। जिसके परिणामस्वरूप आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।
इस परियोजना के तहत प्रत्यक्ष रूप से 600 अत्यधिक कुशल रोजगार, 3,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और अतिरिक्त 3,000 मध्यम कौशल रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
परिजयोजना में हैंगर, भवन, एप्रन और टैक्सीवे के रूप में विशेष बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।
निर्माण
अनुबंध के बाद 10 सालों में विमानों का निर्माण करेगी टाटा कंसोर्टियम
बयान में कहा गया है कि इन 56 विमानों में से 16 विमान अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के अंदर उड़ान भरने की स्थिति में स्पेन से डिलीवर किए जाएंगे।
इसी तरह टाटा कंसोर्टियम को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 सालों के भीतर इन सभी विमानों का देश में निर्माण करना होगा।
डिलीवरी के पूरा होने से पहले भारत में C295MW विमानों के लिए 'D' लेवल सर्विसिंग सुविधा (MRO) स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है।
कार्य
ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन करेगी OEM
सरकार की ओर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि परियोजना के तहत मूल उपकरण निर्माता (OEM) भारतीय ऑफसेट पार्टनर्स से योग्य उत्पादों और सेवाओं की सीधी खरीद के माध्यम से अपने ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन भी करेगी। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
इसी तरह यह परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी गहन और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करेगी।
जोर
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने दिया रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर
इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र विषय पर आयोजित सम्मेलन में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा था कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में करीब 350 विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह एक मोटा-मोटा अनुमान है।
उन्होंने कहा था कि तेजस हल्के लड़ाकू विमान परियोजना ने भारत में एयरोस्पेस उद्योग में भरोसा पैदा किया है और इसके अधिक विकसित होने की संभावनाएं हैं।