
भारत में बंद हो सकता है वोडाफोन का कारोबार, CEO ने दिए संकेत
क्या है खबर?
वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) निक रीड ने कहा है कि भारत में वोडाफोन का कारोबार बंद होने की तरफ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक मोबाइल स्पेक्ट्रम फीस की शर्तों को आसान नहीं किया जाता, तब तक कंपनी पर यह खतरा जारी रहेगा।
गौरतलब है कि आईडिया के विलय के बाद वोडाफोन आईडिया भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में लंबे समय से चुनौतियों का सामना कर रही है।
राहत पैकेज
राहत के इंतजार में वोडाफोन
लंदन में प्रेस को संबोधित करते हुए रीड ने कहा कि भारत में कंपनी के भविष्य पर तब तक संदेह बना रहेगा, जब तक सरकार ऑपरेटर कंपनियों को महंगे टैक्स से राहत नहीं देती है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑपरेटरों को 92,000 करोड़ रुपये का बकाया टैक्स चुकाने का आदेश दिया है।
बता दें कि पिछले साल वोडाफोन और आईडिया का विलय हुआ था और फिलहाल कंपनी 30 फीसदी मार्केट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर है।
जानकारी
इन वजहों से मुश्किलों में हैं वोडाफोन
रीड ने कहा कि कड़े नियमों के चलते कंपनी आर्थिक परेशानी से पहले ही जूझ रही थी। उसके बाद टैक्स की ऊंची दरों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कंपनी के लिए हालात और खराब कर दिए हैं।
प्रतिक्रिया
कंपनी के लिए गंभीर स्थिति- रीड
वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्पेक्ट्रम पेमेंट के लिए दो साल का समय, लाइसेंस के लिए कम फीस और कर्ज की माफी की मांग की है।
साथ ही कंपनी की मांग है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन 10 साल के लिए किया जाना चाहिए।
जब रीड से पूछा गया कि अगर सरकार उनकी इन मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो क्या कंपनी भारत में व्यापार रखेगी तो उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर स्थिति है।
मुलाकात
सितंबर में शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मिले रीड
रीड और वोडाफोन के चेयरमैन गेराल्ड क्लेस्ट्रली ने सितंबर में भारती अधिकारी से मुलाकात कर राहत की मांग की थी।
कंपनी का कहना था कि वह भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाली कंपनी है। एक सरकारी समिति कंपनी की इन मांगों पर विचार कर रही है।
हालांकि, वोडाफोन इंडिया ने लंदन से आ रही इन खबरों का खंडन किया है कि कंपनी ने भारत सरकार से रात की मांग की है।
असर
कंपनी के शेयरों में आठ प्रतिशत गिरावट
रीड के इस बयान के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयरों में बुधवार को आठ प्रतिशत तक की गिरावट दिखी।
इससे पहले तिमाही के नतीजे भी कंपनी के लिए हताशा भरे रहे थे। 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी को 4,843 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
जानकारों का कहना है कि वोडाफोन आईडिया पर लगभग 35,000 करोड़ रुपये बकाया है।