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    भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम
    दुनिया के अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या है नियम?

    भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम

    लेखन भारत शर्मा
    Nov 24, 2021
    08:35 pm

    क्या है खबर?

    भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाए जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने का निर्णय किया है।

    सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंगलवार को जारी की गई सूची में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक शामिल था।

    हालांकि, भारत से पहले कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बरत चुके हैं। यहां जानते हैं कि अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्या नियम है।

    सवाल

    क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

    क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है।

    यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

    साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।

    जानकारी

    भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने किया क्रिप्टोकरेंसी में निवेश

    एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। यह देश की आबादी का आठ प्रतिशत हिस्सा है। सरकार के इस पर बैन लगाने से इन लोगों द्वारा निवेश किए गए 70,000 करोड़ फंस जाएंगे।

    विधेयक

    सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विधेयक में क्या होगा?

    द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है।

    इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को भविष्य में बढ़ावा दिया जा सके।

    #1

    चीन ने 2019 में लगाया था क्रिप्टोकरेंसी पर बैन

    क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के मामले में सबसे कड़ा रुख चीन का रहा है। चीन ने 2019 से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था, लेकिन यह विदेशी एक्सचेंजों के माध्यम से ऑनलाइन जारी रहा।

    इस साल की शुरुआत में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया।

    सितंबर में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में शामिल लोगों इससे होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार होंगे और उन पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।

    #2 #3

    नेपाल में प्रतिबंध तो वियतनाम में लगता है भारी जुर्माना

    नेपाल के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' ने अगस्त 2017 में ही क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित कर दिया था।

    इसी तरह वियतनाम के स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम ने बिटकॉइन और बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल, जारी करने और आपूर्ति को अवैध करार दिया है। भुगतान में इसके इस्तेमाल पर वहां 1.5 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 50,000 रुपये) से लेकर 2 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 65,668 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाता है।

    #4 #5

    रूस और फा्रंस में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर लगता है कर

    रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट के रूप में मान्यता दे रखी है। ऐसे में इसे रखने वालों को रूस के कानून के हिसाब से कर चुकाना पड़ता है।

    इसी तरह फ्रांस सरकार ने साल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना शुरू कर दिया था। फ्रांस में क्रिप्टोकरेंसी पर चल संपत्ति की तरह ही नियमानुसार कर लगाया जाता है। इसके चलते वहां इसमें निवेश करने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।

    जानकारी

    इंडोनेशिया ने क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए 2018 में बनाया था कानून

    इंडोनेशिया सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार ने साल 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए एक कानून बना दिया था। उसके बाद से यहां इस करेंसी का इस्तेमाल नहीं होता है।

    #6 #7

    तुर्की और अमेरिका में क्या है नियम?

    तुर्की सरकार ने अप्रैल में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।

    देश के केंद्रीय बैंक के नियमानुसार वितरित लेजर तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान के रूप में नहीं किया जा सकता है।

    अमेरिका में इसको लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग नियम है। हालांकि, अमेरिका शुरू से ही इसे मंजूरी देने के पक्ष में रहा है।

    #8

    यूरोपीय संघ में भी अलग-अलग है क्रिप्टोकरेंसी पर नियम

    यूरोपीय संघ में के देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम है। अधिकतर देशों ने सॉफ्ट-टच नियामक ढांचे का विकल्प चुना है।

    यूरोपीय आयोग ने पिछले साल सितंबर में 'मार्केट्स इन क्रिप्टो-एसेट्स रेगुलेशन' शीर्षक से जारी किए मसौदे में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में माना जाएगा।

    इसके अनुसार, किसी भी फर्म की होल्डिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज सेवाओं की पेशकश या निवेश सलाह देने के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

    #9 #10

    UK और कनाड़ा में क्या है नियम?

    यूनाइटेड किंगडम (UK) में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार सीधे नहीं होता है। वहां क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग जैसी सेवाओं के लिए प्राधिकरण की आवश्यकता होती है।

    वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) ही अधिकृत क्रिप्टोकरेंसी-संबंधित व्यवसायों को लाइसेंस प्रदान करता है। हालांकि, वह लोगों को सावधानी से निवेश की सलाह भी देता है।

    कनाड़ा में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तो है, लेकिन इस पर कर नियम लागू होते हैं। इसके इस्तेमाल पर कर में छूट नहीं मिलती है।

    #11

    अल सल्वाडोर में पूरी तरह कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी

    एक ओर जहां अधिकतर देश क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से मान्यता दे दी है।

    ऐसे में अब यहां रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए होने वाले वित्तीय लेनदेन में बिटकॉइन को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बिटकॉइन वहां पूरी तरह को कानूनी है।

    अल सल्वाडोर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है।

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