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16 Apr 2020
कोरोना वायरस: 60 साल में पहली बार जीरो हो सकती है एशिया की विकास दर- IMF
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पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आशंका व्यक्त की है कि महामारी के कारण एशिया की आर्थिक विकास दर (GDP) जीरो रह सकती है।
अगर ऐसा होता है तो यह पिछले छह दशकों का सबसे खराब प्रदर्शन होगा।
IMF ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गंभीर और अप्रत्याशित असर होगा।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
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जानकारी
IMF ने कही यह बात
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IMF ने एक ब्लॉग में बताया कि 2020 में एशिया की वृद्धि दर जीरो रहने की आशंका है। एशिया की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7 फीसदी और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3 फीसदी थी। अगर GDP की दर शून्य रहती है तो यह 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी।
IMF ने यह भी उम्मीद जताई है कि एशिया बाकियों से बेहतर कर सकता है।
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अर्थव्यवस्था
चीन की विकास दर को लगेगा बड़ा झटका- IMF
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IMF ने कहा कि चीन की विकास दर पिछले साल के 6.1 प्रतिशत से गिरकर 1.2 प्रतिशत आ सकती है।
चीन ने 2009 के वित्तीय संकट के दौरान GDP के 8 प्रतिशत के बराबर राहत उपाय किए थे, जिस कारण विकास दर में मामूली अंतर आया था।
IMF ने कहा कि चीन इस बार ऐसे राहत उपायों की स्थिति में नहीं है और वह इस संकट में एशिया को सहारा नहीं दे सकता।
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जानकारी
अमेरिका और यूरोप की विकास दर में इतनी गिरावट का अनुमान
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IMF के अनुमान के अनुसार, एशिया के दो बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका और यूरोप में क्रमश: 6 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत गिरावट के आसार हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में कई बिजनेस ठप्प हो गए हैं।
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बयान
1,000 अरब डॉलर की मदद को तैयार IMF- जॉर्जीविया
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वहीं IMF प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जविया का कहना है कि IMF महामारी का सामना करते हुए संकट से जूझ रहे देशों की मदद की मांग पूरा करने के लिए बतौर लोन 1,000 अरब डॉलर की सहायता देेने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि महामारी के कारण सदस्य देश भारी मदद मांग रहे हैं। अभी तक IMF के 189 सदस्य देशों में से 102 मदद मांग चुके हैं।
जॉर्जविया ने कहा कि IMF पूरी क्षमता के साथ मदद के लिए तैयार है।
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बयान
पहले कभी नहीं देखा गया ऐसा संकट- IMF
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IMF प्रमुख जॉर्जविया ने कहा, "यह ऐसा संकट है जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 दशक की महान आर्थिक मंदी के बाद के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। वैश्विक GDP में 3 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। तीन महीने पहले हमारा था कि हमारे सदस्य देशों में से 160 देशों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी, लेकिन अब 170 देशों में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट की आशंका है।