कोरोना वायरस लैब में तैयार नहीं हो सकता, प्राकृतिक रूप से हुआ शुरू- वैज्ञानिक
कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का भी बाजार गर्म है। इसको लेकर एक अफवाह है कि इस वायरस को लैब में तैयार किया गया था। वहां से लीक होने के बाद ये पूरी दुनिया में फैल गया। अब एक रिसर्च में इस अफवाह का सच सामने आया है और पता चला है कि इस वायरस की शुरुआत प्राकृतिक रूप से हुई है और इसे लैब में तैयार नहीं किया गया है।
लैब में तैयार नहीं हुआ है कोरोना वायरस- रिसर्चर
चीन के वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई इस वायरस की जिनोम सीक्वेंस के आधार पर सक्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्चर ने पाया कि यह वायरस 'लैब में तैयार किया' नहीं हो सकता है। सक्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की यह रिपोर्ट 17 मार्च को नैचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसमें इससे जुड़ी कई अफवाहों का सच निकलकर सामने आया है। रिसर्चर ने दो ऐसी संभावनाएं बताई हैं, जिनकी वजह से कोरोना वायरस की शुरुआत हो सकती है।
रिसर्चर में क्या आया सामने?
रिसर्चर ने बताया कि वायरस की बाहर की तरफ बने स्पाइक प्रोटीन की वजह से यह इंसानों और पशुओं की कोशिकाओं में घुसने में कामयाब रहा है। उन्होंने पाया कि स्पाइक प्रोटीन का RBD (रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन) इतना मजबूत है कि यह इंसानों के ACE2 रिसेप्टर को आसानी से निशाना बना सकता है। यह रिसेप्टर इंसानों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। RBD एक हुक जैसी सरंचना होती है जो उस कोशिका को पकड़ती है, जिसमें उसे घुसना होता है।
चमगादड़ से मिलती है वायरस की सरंचना
रिसर्चर ने पाया कि इस वायरस का स्पाईक प्रोटीन जितनी मजबूती से इंसानी कोशिकाओं से बंधता हैं, उसे जेनेटिक इंजीनियरिंग से तैयार करना मुश्किल है। यह केवल प्राकृतिक तरीके से हो सकता है। इस वायरस की मॉलिक्यूलर सरंचना चमगादड़ और छिपकली से मिलती है।
रिसर्चर ने बताई कोरोना वायरस की ये संभावनाएं
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पशुओं से इंसानों में आया है। हालांकि, इस बात के सबूत नहीं है कि यह चमगादड़ से इंसानों में आया है। वहीं दूसरी संभावना यह है एक नॉन पेथोजेनिक (ऐसा समूह जो बीमारी नहीं फैलाता) वर्जन पशुओं से इंसानों में आया है और इंसानों में रहते हुए यह धीरे-धीरे पेथोजेनिक (बीमारी फैलाने वाले समूह) में बदल गया। रिसर्चर ने बताया कि यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कौन सी संभावना ज्यादा सही है।
ये है पूरी दुनिया का हाल
पूरी दुनिया की बात की जाए तो अब तक 166 देशों में इस वायरस के 2,07,860 मामले सामने आ चुके हैं और 8,657 लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है। इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित देश चीन (81,174 मामले), इटली (35,713 मामले), ईरान (17,361 मामले), स्पेन (13,716 मामले) और कोरिया गणराज्य (8,413) हैं। अमेरिका में इसके 7,000 से ज्यादा मामले सामन आए हैं। भारत में अब तक इसके 170 मामले सामने आ चुके हैं और तीन मौतें हुई हैं।