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    आर्थिक मंदी: इस साल 101 टेक कंपनियां कर चुकी हैं 25,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी

    आर्थिक मंदी: इस साल 101 टेक कंपनियां कर चुकी हैं 25,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी
    लेखन प्रमोद कुमार
    Jan 17, 2023, 04:31 pm 1 मिनट में पढ़ें
    आर्थिक मंदी: इस साल 101 टेक कंपनियां कर चुकी हैं 25,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी
    इस साल 100 से ज्यादा टेक कंपनियां कर चुकी हैं 25,436 कर्मचारियों की छुट्टी

    आर्थिक मंदी की आशंका के बीच पिछले साल शुरू हुआ छंटनी का दौर अभी भी जारी है। विशेषज्ञों की मानें तो यह दौर जल्द थमता नजर नहीं आएगा। पिछले साल हजारों कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमाई गई थी और इस साल के शुरुआती 17 दिनों में दुनियाभर की 101 टेक कंपनियां 25,436 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं। इनमें चीन की बड़ी कंपनियों से लेकर भारतीय स्टार्टअप्स तक शामिल हैं।

    अमेजन और गोल्डमैन सैश करेंगी हजारों कर्मचारियों की छंटनी

    इस साल की शुरुआत में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने बताया था कि वह आने वाले दिनों में 18,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी। इससे पहले पिछले साल नवंबर में कंपनी ने 10,000 कर्मचारियों को बाहर किया था। अमेजन ने अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को इसका कारण बताया था। इसी तरह गोल्डमैन सैश समूह भी 3,200 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान कर चुका है। इस छंटनी में कोर ट्रेडिंग और बैंकिंग इकाइयों के कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित होंगे।

    कॉइनबेस, सेल्सफोर्स और सिस्को भी थमा रहीं पिंक स्लिप

    अमेजन की घोषणा के आसपास ही अमेरिकी क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर कंपनी सेल्सफोर्स ने अपने कार्यबल में 10 प्रतिशत कटौती का ऐलान किया था। कंपनी का कहना है कि वह ज्यादा खर्च और कम आय के कारण छंटनी करेगी। इसी तरह सिस्को और कॉइनबेस ने क्रमश: 700 और 950 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। इन कंपनियों ने भी छंटनी के पीछे अपने खर्च में कटौती करने का कारण दिया है।

    भारतीय कंपनियां भी कर रही हैं छंटनी

    हालिया दिनों में ओला, डंजो और शेयरचैट जैसी कंपनियों ने छंटनी की जानकारी दी है। ओला ने 200 कर्मचारियों को निकाला है तो डंजो ने 3 प्रतिशत और शेयरचैट ने 20 प्रतिशत कर्मचारियों को निकालने की बात कही है। कंपनियों में छंटनी को ट्रैक करने वाली वेबसाइट लेऑफ्स के अनुसार, इनके अलावा ग्रामोफोन, देहात, भारतएग्री, स्किट.AI, कैशफ्री पेमेंट, कॉइनDCX, लीड, रिलेवल, बाउंस और हड़प्पा जैसे भारतीय स्टार्टअप्स को भी छंटनी पर मजबूर होना पड़ा है।

    मेटा ने भी रद्द किए जॉब ऑफर

    छोटी कंपनियों और स्टार्टअप्स के अलावा बड़ी कंपनियों में भी हालात खराब हैं। मेटा ने भी में 20 जॉब ऑफर रद्द करते हुए संकेत दिया था वह इस साल भर्ती प्रक्रिया के लिए सावधान रहेगी और ज्यादा संख्या में लोगों को नौकरी नहीं देगी। छंटनी, वर्क फ्रॉम होम की बढ़ती लोकप्रियता और अनिश्चितता भरे आर्थिक माहौल में मेटा और माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में ऑफिस बिल्डिंग खाली करने पर भी विचार कर रही हैं।

    पिछले साल गई थीं 1.5 लाख नौकरियां

    लेऑफ्स के अनुसार, पिछले साल 1,024 टेक कंपनियों ने 1,54,336 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। छंटनी करने वालो में अमेरिका, कनाडा, इजरायल, सिंगापुर, इंडोनेशिया, भारत, इंग्लैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों की कंपनियां शामिल थीं। यानी मंदी का असर पूरी दुनिया में दिखाई देने लगा था। इन कंपनियों में 3 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी हुई थी। खाना, परिवहन, वित्त, शिक्षा समेत लगभग सभी क्षेत्रों की कंपनियों ने छंटनी की थी।

    बीते साल भारतीय स्टार्टअप्स में गईं 20,000 नौकरियां

    बीते साल भी फंडिंग की कमी के कारण कई स्टार्टअप्स को छंटनी करनी पड़ी थी। दिसंबर में आई मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 50 से अधिक स्टार्टअप्स ने भारत में करीब 20,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी।

    इस साल एक तिहाई अर्थव्यवस्था में रहेगी मंदी- IMF

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा का कहना है कि यह साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कठिन होगा क्योंकि अमेरिका, यूरोप और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई है। उन्होंने कहा कि विश्व की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक साथ गिरावट देखी जा रही है और आशंका है कि एक तिहाई वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की चपेट में आएगी। उन्होंने कहा कि जिन देशों में मंदी नहीं आएगी, वहां मंदी जैसे हालात बनेंगे।

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