H&M भी 1,500 कर्मियों को निकालेगी, मंदी के मंडराते बादलों की बीच जारी है छंटनी
क्या है खबर?
मंदी की आशंका के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियों में छंटनी का दौर जारी है। स्वीडन की मशहूर फैशन कंपनी H&M ने ऐलान किया है कि वह वैश्विक स्तर पर 1,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। इससे कंपनी को हर साल 150 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।
H&M पहली बड़ी यूरोपीय कंपनी है, जो छंटनी करने जा रही है। कंपनी ने इसके पीछे यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ती लागत और महंगाई को वजह बताया है।
वजह
कम हुई है कंपनी की बिक्री
H&M की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हेलेना हेल्मर्सन ने कहा कि कंपनी ने लागत कम करने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है।
बता दें कि सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी की बिक्री उम्मीद से कम हुई है। साथ ही H&M को ऑनलाइन शॉपिंग और अपने प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।
दुनियाभर में 1.50 लाख से अधिक लोग अलग-अलग देशों में H&M के लिए काम करते हैं।
जानकारी
डोरडैश ने भी निकाले 1,250 कर्मचारी
H&M के अलावा अमेरिकी फूड डिलीवरी डोरडैश ने भी अभी छंटनी का ऐलान किया है। कंपनी का कहना है कि बढ़ते खर्चों के कारण वह 1,250 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। हालिया दिनों में कई अन्य कंपनियां छंटनी कर रही हैं।
छंटनी
अल्फाबेट कर रही छंटनी की तैयारी
बीते महीने खबर आई थी कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट छंटनी की तैयारी कर रही है।
बताया जा रहा है कि कंपनी करीब 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने को तैयार है, जो उसके कुल कार्यबल का 6 प्रतिशत हिस्सा है।
अल्फाबेट उन कर्मचारियों की छंटनी करेगी, जिनका प्रदर्शन औसत से नीचे है। इसके लिए नए रैंकिंग और इम्प्रूवमेंट प्लान की मदद ली जाएगी।
अगले महीने की शुरुआत से इन कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमा दी जाएगी।
जानकारी
HP भी करेगी छंटनी
कंप्यूटर निर्माता कंपनी HP ने कहा है कि वह अगले तीन सालों में 4,000-6,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। कंपनी ने इसके पीछे कंप्यूटर की गिरती बिक्री को जिम्मेदार बताया है।
चिंता
मंदी की आहट ने बढ़ाई कंपनियों की चिंता
वैश्विक मंदी की आहट ने कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है और छंटनी शुरू हो गई है। हालिया दिनों में मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, जोमेटो और ट्विटर समेत कई बड़ी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
इन कंपनियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, ऊंची ब्याज दरें, मंदी का भय, निवेश के लिए कम पैसा और स्टार्टअप के लिए फंडिंग की कमी को देखते हुए छंटनी करना जरूरी हो गया है।
मंदी
वैश्विक मंदी की आशंका जाहिर कर चुका है IMF
सितंबर में जारी अपनी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक मंदी की आशंका व्यक्त की थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि महामारी के चरण को छोड़ दें तो साल 2001 के बाद से फिलहाल वैश्विक विकास दर सबसे कमजोर है। यह अनुमान सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण मंदी को दर्शाता है।
IMF अधिकारियों ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आने का खतरा बढ़ गया है।