
गूगल ने लॉन्च किया अपना AI चैटबॉट, यूजर्स को दी उनके रिस्क पर चैटिंग की सलाह
क्या है खबर?
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने अपना एक्सपेरिमेंटल आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट पब्लिक के लिए रिलीज कर दिया है।
यानी कि अब आम यूजर्स भी रजिस्टर करने के बाद इस AI-आधारित चैटबॉट के साथ बातें कर सकते हैं।
इसे गूगल के लैंग्वेज मॉडल ने तैयार किया है, जो कई वजहों से विवाद में रहा है।
गूगल ने चेतावनी दी है कि यूजर्स को अपने रिस्क पर चैटिंग करनी चाहिए और उन्हें आपत्तिजनक या गलत कंटेंट दिखाया जा सकता है।
घोषणा
'AI टेस्ट किचन' के साथ कर पाएंगे टेस्टिंग
गूगल ने बताया है कि यूजर्स को इसकी AI टेक्नोलॉजी के बारे में सीखने और उसे अनुभव करने का मौका 'AI टेस्ट किचन' ऐप के साथ मिलेगा।
कंपनी ने चैटबॉट से जुड़ी घोषणा करते हुए कहा, "हमारा मकसद सीखना, बेहतर बनाना और AI से जुड़े इनोवेशंस साथ मिलकर करना है। हम शुरू में लोगों के छोटे ग्रुप्स के लिए इस टेस्टिंग को ओपेन करेंगे।"
बता दें, LaMDA (लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग ऐप्लिकेशंस) में अब भी लंबे सुधार की जरूरत है।
बयान
नई टेस्टिंग के साथ मिलेगी LaMDA की झलक
अल्फाबेट और गूगल CEO सुंदर पिचाई ने इस टेस्टिंग को लेकर कहा, "AI टेस्ट किचन का मकसद यूजर्स को यह समझ देने की शुरुआत है कि उनके लिए LaMDA का इस्तेमाल करना कैसा होगा।"
उन्होंने कहा, "इन लैंग्वेज मॉडल्स की क्षमता असीम संभावनाएं लेकर आ सकती है, लेकिन इसका एक मतलब यह भी है कि यह हमेशा सही नतीजे नहीं देता है।"
संभव है कि लंबी टेस्टिंग के बाद इस मॉडल को ट्रेनिंग देकर बेहतर किया जा सके।
खतरा
नई सुरक्षा लेयर्स के साथ कम किया गया खतरा
गूगल ने बताया है कि LaMDA के लेटेस्ट वर्जन में कई सुधार किए गए हैं, जिससे इसके आपत्तिजनक या विवादित जवाब देने का खतरा कम किया गया है, लेकिन यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
कंपनी ने आधिकारिक घोषणा में कहा है, "हमने AI टेस्ट किचन में कई सुरक्षा स्तर शामिल किए हैं। इनकी मदद से रिस्क को कम किया गया है, लेकिन यह एक बड़े सफर की शुरुआत भर है।"
मेटा
मेटा के AI चैटबॉट के साथ भी यही परेशानी
मेटा के चैटबॉट ब्लेंडरबॉट 3 का डेमो भी बीते दिनों पब्लिक टेस्टिंग के लिए लाइव कर दिया गया है और यह किसी भी दिए गए विषय पर बात कर सकता है।
हालांकि, यह AI चैटबॉट भी कई बार सवालों के जवाब देते वक्त सही-गलत का ध्यान नहीं रखता।
इसने कंपनी CEO मार्क जुकरबर्ग से जुड़े सवालों के जवाब बेहद ईमानदारी से दिए और उनकी बुराने करने से भी बाज नहीं आया।
वजह
इसलिए आपत्तिजनक जवाब देते हैं चैटबॉट
अगर आप किसी इंसान से सवाल करें तो वह कड़वा सच बोलने से बचता है, लेकिन यह बात AI पर लागू नहीं होती।
वहीं, मशीन इंसान की तरह भावनाएं आहत होने का ख्याल नहीं रखती।
ब्लेंडरबॉट 3 से जुड़े ब्लॉग में मेटा ने साफ कहा है कि यह बॉट नई टेक्निक के बावजूद कई बार आपत्तिजनक या भद्दे जवाब दे सकता है।
दरअसल, बॉट का एल्गोरिदम इसके जवाब देने के लिए काफी हद तक इंटरनेट पर निर्भर करता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
चैटबॉट्स ऐसे प्रोग्राम होते हैं, जिन्हें चलाने के लिए किसी इंसान की जरूरत नहीं होती और ये ऑटोमेटेड होते हैं। ये चैटबॉट्स कंप्यूटर प्रोग्राम की तरह यूजर से मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर और AI की मदद से जवाब देते हैं।