वोल्वो ने चार्जिंग तकनीक के लिए टेस्ला से मिलाया हाथ, 2025 की कारों में होगी इस्तेमाल
लग्जरी कार निर्माता वोल्वो भी अब टेस्ला की इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग तकनीक को अपनाने वाले संगठन में शामिल हो गई है। वोल्वो पहली यूरोपीय ऑटोमोबाइल कंपनी है, जो टेस्ला की सुपर चार्जिंग तकनीक का इस्तेमाल करेगी। कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहन अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में एलन मस्क की कंपनी के सुपर चार्जिंग नेटवर्क का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए 2025 से कंपनी की इलेक्ट्रिक कार नाॅर्थ अमेरिकी चार्जिंग स्टैंडर्ड (NACS) पोर्ट से लैस होंगी।
टेस्ला की तकनीक को मानक घोषित होने में मिल रहा बल
टेस्ला अपनी चार्जिंग तकनीक को NACS बता रहा है लेकिन इसे अभी तक SAE इंटरनेशनल ने एक मानक के रूप में मान्यता नहीं दी है। हालांकि, जनरल मोटर्स, फोर्ड और रिवियन के बाद वोल्वो के जुड़ने से इस तकनीक को और मजबूती मिली है। बता दें, हुंडई भी अपने EVs के लिए टेस्ला के चार्जिंग नेटवर्क को अपनाने पर विचार कर रही है। हालांकि, इससे पहले दक्षिण कोरियाई कंपनी यह देखेगी यह तकनीक उसके वाहनों में कितनी कारगर है।