हुंडई और किआ पर लग सकता है जुर्माना, उत्सर्जन मानकों के उल्लंघन का आरोप
देश की कई दिग्गज कार निर्माता कंपनियों को उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। इसको लेकर ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने भारत सरकार से ऐसी कंपनियों से भारी जुर्माना वसूलने की सिफारिश की है। रिपोर्ट के अनुसार, यह जुर्माना करोड़ों रुपये में है। दोषी पाई गई कंपनियों में किआ मोटर्स, हुंडई, रेनो, स्कोडा, फॉक्सवैगन और निसान शामिल हैं। कार निर्माताओं के पोर्टफोलियो में शामिल गाड़ियों में उत्सर्जन का स्तर निर्धारित से अधिक पाया गया है।
किआ को भरना पड़ सकता है 373 करोड़ रुपये का जुर्माना
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, BEE ने किआ पर कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकोनॉमी (CAFE) की तय सीमा से उत्सर्जन करीब 4.4 यूनिट अधिक होने पर करीब 373 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी प्रकार, हुंडई मोटर कंपनी को तय सीमा से 7.7 यूनिट अधिक होने पर 370 करोड़ रुपये का जुर्माना झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा, होंडा कार्स, रेनो, निसान और स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन को भी करोड़ों रुपये की पैनल्टी का सामना करना पड़ेगा।
इसी साल लागू हुआ था नया CAFE नियम
अपडेट कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकोनॉमी मानदंड इस साल जनवरी से देश में लागू किए गए हैं, जिसका लक्ष्य वाहन उत्सर्जन स्तर को कम करना है। इसमें प्रति किलोमीटर 113 ग्राम C02 का उत्सर्जन आधार लक्ष्य रखा गया है, जबकि उद्योग का औसत वजन 1,145 किलोग्राम है। दिसंबर, 2022 तक प्रति किलोमीटर 130 ग्राम CO2 का आधार लक्ष्य और उद्योग का औसत वजन 1,037 किलोग्राम था। CAFE की गणना मॉडल के वजन और बिकीं यूनिट्स के आधार पर की जाती है।