पुरानी कारों में भी SUVs बनीं लोगों की पहली पसंद, विक्रेता कमा रहे ज्यादा मुनाफा
नई कारों की बिक्री में जहां दिनों-दिन स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (SUV) सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ रही है, वहीं यूज्ड कार बाजार में भी इनका क्रेज बढ़ता जा रहा है। अगर, आप सेकेंड-हैंड इनोवा, हुंडई क्रेटा, ब्रेजा, स्कॉर्पियो, टाटा नेक्सन या कोई दूसरी SUV खरीदना चाहते हैं तो आपको एक साल पहले की तुलना में 10 फीसदी अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। पुरानी कार बाजार में SUVs की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने से यह स्थिति पैदा हुई है।
मांग ज्यादा होने के कारण बढ़ा विक्रेताओं का मार्जिन
देश में पुरानी कारों के सबसे बड़ी खुदरा विक्रेता मारुति ट्रू वैल्यू के अनुसार, उसने अप्रैल से अक्टूबर के बीच 2.6 लाख यूनिट पुरानी गाड़ियां बेची हैं। इससे SUVs की हिस्सेदारी 8 फीसदी थी, जो एक साल पहले इस अवधि में 7 फीसदी रही थी। भारत में हर 2 नई कारों के बदले 3 यूज्ड कार बिकती हैं। मांग ज्यादा होने के कारण औसत बिक्री मूल्य (ASP) के साथ पुरानी कार विक्रेताओं का मार्जिन भी बढ़ गया है।
मांग को लेकर कंपनियों ने यह कहा
मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शशांक श्रीवास्तव ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में SUV की मांग काफी बढ़ी है और इसलिए, पुरानी कारों के बाजार में SUV की कमी होना तय है।" उन्होंने बताया, "आम तौर पर, एक नया वाहन मालिक मॉडल को बेचने से पहले 7.3 साल तक अपने पास रखता है। इसलिए, मॉडल देरी से बाजार में आते हैं।" महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स ने भी मांग के अनुरूप पुरानी SUVs नहीं होने की बात स्वीकारी है।