सेकेंड हैंड कार के लिए लेना चाहते है लोन? इन जरूरी बातों को न करें नजरअंदाज
क्या है खबर?
कोरोना महामारी के समय में सुरक्षित बाहर जाने के लिए घर में एक कार होना जरुरत बन गई है।
हर किसी के लिए तुरंत नई कार खरीदना संभव नहीं, जिससे सेकेंड हैंड कारों की डिमांड मार्केट में बढ़ गई है और बैंकों की ओर से इनके लिए लोन भी आसानी से मिल रहा है। ऐसे में सही विकल्प का चुनाव जरूरी है।
इसलिए, सेकेंड हैंड कार लोन के लिए आवेदन करने से पहले ये बातें जरूर जान लें।
नियम और शर्तें
जान लें बैंकों के नियम
सेकेंड हैंड कार के लिए अलग-अलग बैंकों में लोन देने की शर्तें भी अलग-अलग होती हैं।
ज्यादातर बैंकों में गाड़ी की कीमत का 75 से 80 फीसदी तक ही लोन अप्रूव होता है और बाकी रकम डाउनपेमेंट करनी पड़ती है।
इसलिए लोन लेते समय हिसाब लगा लेना जरूरी है कि कितनी रकम आपकी जेब से लगनी वाली है।
आवेदन करने से पहले तीन से चार बैंकों या वित्तीय संस्थानों के विभिन्न लोन ऑफर की तुलना भी कर लें।
जानकारी
कार के किस मॉडल पर उपलब्ध है लोन?
कार लोन लेने के लिए बैंक का चुनाव करने से पहले आपको यह भी देखना चाहिए कि जिस सेकेंड हैंड कार को आप खरीदना चाहते हैं, उसे बैंक या वित्तीय संस्थान फाइनेंस कर रही है या नहीं।
कुछ बैंक तीन साल से ज्यादा पुरानी कारों पर लोन नहीं देते हैं। वहीं, कुछ बैंकों ने ये सीमा पांच साल की रखी है।
इसलिए उन कारों की लिस्ट की जांच करना बेहतर होता है, जिन्हें बैंक द्वारा फाइनेंस किया जा सकता है।
टाइम
इंटरेस्ट रेट के हिसाब से चुनें पेमेंट टाइम
किसी भी लोन में सबसे महत्वपूर्ण होता है उसका इंटरेस्ट रेट।
इंटरेस्ट एक निश्चित दर पर वसूला जाता है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के अनुसार स्थिर या अस्थायी हो सकता है।
सेकेंड हैंड कार के लिए लोन का इंटरेस्ट रेट नई कार के लोन इंटरेस्ट रेट से ज्यादा होता है।
आमतौर पर सेकेंड हैंड कार पर लोन के लिए 11 से 16 फीसदी का इंटरेस्ट रेट देना पड़ सकता है। इसलिए लोन चुकाने का समय कम से कम रखें।
जानकारी
अतिरिक्त शुल्क को न करें नजरअंदाज
बहुत बार कार लोन देने वाले इसमें कई तरह शुल्क लगा सकते हैं। आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन्हें कितना भुगतान करना है। इन अतिरिक्त शुल्क में से कुछ प्रोसेसिंग फीस, प्री-क्लोजर चार्ज, पार्ट-पेमेंट चार्ज, डॉक्युमेंटेशन फीस और EMI शुल्क शामिल हैं।