वाहनों में तेज आवाज वाले हॉर्न पर लगेगी लगाम, सरकार कर रही ये तैयारी
ध्वनि प्रदूषण को कम करने की दिशा में भारत सरकार बढ़ा कदम उठाने जा रही है। अब वाहनों में तेज आवाज में हॉर्न नहीं बजा सकेंगे। इसके लिए सरकार वर्तमान में हॉर्न के शोर के स्तर की अधिकतम सीमा घटाने का निर्णय कर रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र ने तेज आवाज वाले वाहनों के हॉर्न पर रोक लगाने के लिए शोर का अधिकतम स्तर करीब 50 डेसिबल करने की योजना बनाई है।
शास्त्रीय संगीत पर आधारित होगी हॉर्न की धुन
मिंट से बातचीत में मंत्री ने कहा है कि वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी बड़ी समस्या है और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नितिन गडकरी ने कहा, "हम केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर रहे हैं, ताकि हॉर्न के अधिकतम स्वीकार्य शोर स्तर को 70 से घटाकर 50 डेसिबल किया जा सके।" सरकार हॉर्न के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत और वाद्ययंत्रों की धुनों को अपनाने का सुझाव दे सकती है, ताकि इसकी आवाज अच्छी लगे।
तेज आवाज वाले हाॅर्न सुनने के ये हैं गंभीर परिणाम
वर्तमान में, सभी वाहनों के लिए अधिकतम 80-91 डेसिबल तक ही शोर स्तर की अनुमति है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से निर्धारित दिन में 53 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक है। भारतीय सड़कों पर कुछ हॉर्न 100 डेसिबल से अधिक का शोर उत्पन्न करते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, सप्ताह में 5 दिन 6 से 8 घंटे तक 80 डेसिबल से अधिक शोर का अनुभव करने से बहरापन और मानसिक विकार हो सकता है।