घर को ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित रखने के लिए अपनाए जा सकते हैं ये तरीके
घर में ध्वनि प्रदूषण होने से सिर्फ हमारी सुनने की क्षमता ही प्रभावित नहीं होती है, बल्कि इससे स्लीप साइकिल और वर्क फ्रॉम होम वाले लोगों के काम की उत्पादकता (work productivity) पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह प्रदूषण वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अगर आप घर को ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इस लेख में बताए जाने वाले तरीकों को आजमाकर देंखे।
साउंडप्रूफ शीट्स का करें इस्तेमाल
अगर आपका घर ऐसे जगह पर है, जहां अधिक ध्वनि प्रदूषण या भारी वाहनों की आवाजाही है तो घर की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों को साउंडप्रूफ बनाने की कोशिश करें। आजकल बाजार में कई तरह की साउंडप्रूफ शीट्स मौजूद हैं, जिनमें निवेश करके आप अपने दरवाजों और खिड़कियों को ध्वनि प्रदूषण से कुछ हद तक सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अतिरिकत दीवारों की मोटाई घर को ध्वनि प्रदूषण से बचा सकती है।
पौधे लगाएं
बाहरी शोर को घर में आने से रोकने के लिए बालकनी, आंगन और घर के आस-पास ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं। इसका कारण है कि पौंधों के तने, पत्तियां और शाखाएं ध्वनि को अवशोषित करने में प्रभावी होती हैं। इसके अलावा पौधे घर की हवा को शुद्ध करने में मदद कर सकते हैं, जिससे हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसी तरह पौधे लगाने से घर की सजावट भी बढ़ती है और वह घर को सुखद दृश्य देते हैं।
कपड़ों की लेयरिंग करें
यहां कपड़ों की लेयरिंग से मतलब है कि अपने घर के फर्श को रग या कालीन और खिड़कियों को परदों से कवर करें। इससे आपको अपने घर से ध्वनि प्रदूषण को दूर करने में मदद मिल सकती है। ध्यान रखें कि आजकल बाजार में कई तरह के रग, कालीन और परदें मौजूद हैं, लेकिन आप सिर्फ मोटे रग, कालीन और परदों में ही निवेश करें।
समझदारी से रखें घर में फर्नीचर
फर्नीचर का उपयोग करके भी घर को बाहरी ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए आप लंबे बुकशेल्फ का उपयोग कर सकते हैं या दीवारों पर पैनलिंग बना सकते हैं। बुकशेल्फ या पैनलिंग को उस स्थिति में रखें, जहां से आपका घर सबसे अधिक शोर के संपर्क में आता हो। इसके अलावा अपने घर में सोफे और भारी कुर्सियां भी रखें। ये भी ध्वनि को अवशोषित करने में मदद कर सकती हैं।