डैटसन से लेकर BMW तक, जानें इन ऑटो कंपनियों के नाम के पीछे की कहानियां
क्या है खबर?
व्यक्ति का नाम हो या फिर किसी कंपनी का, सभी का कुछ न कुछ मतलब होता है।
ज्यादातर कंपनियां अपने काम और उद्देश्य के आधार पर नाम रखती हैं। वहीं, कई कंपनियों के नाम उनके संस्थापकों के नाम पर होते हैं।
दुनिया में कई मशहूर ब्रांड ऐसे भी हैं, जिनके नाम हटकर हैं और उनके पीछे एक कहानी भी है।
यहां डैटसन और टेस्ला आदि लोकप्रिय ऑटो कंपनियों के नामों के पीछे की कहानी और उनका मतलब बताया गया है।
डैटसन
पहले DAT नाम से जानी जाती थी DATSUN
जापानी ऑटो कंपनी निसान की ब्रांड डैटसन (DATSUN) का नाम शुरुआत में उनके तीन निवेशकों डेन, आर ओयामा और एम टेकुची ने पहले अक्षरों को मिलकार DAT रखा था।
इसके बाद कंपनी ने 1931 में एक पैसेंजर कार बनाई, जिसका नाम DATSON रखा गया है। बाद में DATSON को ही कंपनी का नाम बना दिया गया।
जब कंपनी को पता चला कि जापानी भाषा में SON का मतलब नुकसान होता है। तब इसका नाम बदलकर DATSUN कर दिया गया।
मर्सिडीज बेंज
कैसे पड़ा मर्सिडीज बेंज का नाम?
मर्सिडीज बेंज का नाम दो लोगों के नाम मर्सिडीज जेलिनेक और कार्ल बेंज को मिलाकर बना है।
कंपनी की स्थापना कार्ल बेंज और गोटलिब विल्हेम डेमलर ने की थी। पहले कंपनी का नाम संस्थापकों के नाम को मिलाकर डेमलर बेंज रखा गया था।
फिर गोटलिब विल्हेम डेमलर के निधन के बाद कंपनी के चीफ इंजीनियर विल्हेम मेबैक उद्यमी एमिल जेलिनेक को लेकर आए और उन्होंने सन 1900 में मर्सिडीज 35hp बनाने में मदद की।
जानकारी
कंपनी ने 1902 में कराया मर्सिडीज नाम का ट्रैडमार्क
इसके बाद एमिल ने अपनी बेटी मर्सिडीज जेलिनेक के नाम पर नई कार का नाम रखा। फिर कंपनी ने सन 1902 में एमिल की बेटी के नाम मर्सिडीज का ट्रैडमार्क करा लिया और इसके बाद से इसे मर्सिडीज बेंज के नाम से जाना जाने लगा।
रोल्स रॉयस और किआ
रोल्स रॉयस और किआ का नाम किस पर है आधारित?
इसके अलावा दुनियाभर में मशहूर रोल्स रॉयस का नाम उसके दोनों संस्थापकों चार्ल्स स्टीवर्ट रोल्स और फ्रेडरिक हेनरी रॉयस के नाम से मिलकर बना है। दोनों के लास्ट नेम रोल्स और रॉयल को मिलकर कंपनी का नाम रोल्स रॉयस रखा गया।
दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनी किआ (Kia) का नाम दो कोरियाई शब्द Ki और A से मिलकर बना है। कोरिया में इसका मतलब एशिया से उदय और अंग्रेजी में इसका अर्थ पूर्व से उदय (Rising from the East) होता है।
फॉक्सवैगन और वोल्वो
क्या है फॉक्सवैगन और वोल्वो के नाम के पीछे की कहानी?
जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन का नाम भी दो शब्दों फॉक्स और वैगन को मिलाकर बनाया गया है। फॉक्स का मतलब जनता और वैगन का अर्थ वाहन होता है। इसलिए कंपनी का नाम फॉक्सवैगन यानी जनता का वाहन है।
स्विडिश कंपनी वोल्वो वाहन बनाने से पहले बाल बेयरिंग बनाती थी और इसका नाम स्वेन्स्का कुल्गेरफैब्रिकेन (SKF) था। ऑटो सेक्टर में प्रवेश लेने के बाद इसका नाम वोल्वो रखा था। लैटिन भाषा में इसका अर्थ Roll होता है।
जानकारी
क्या है टेस्ला के नाम के पीछे की कहानी?
अब अगर हम इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी टेस्ला की बात करें तो इसका नाम सर्बियाई आविष्कारक और मशहूर इलेक्ट्रिकल वैज्ञानिक निकोला टेस्ला के नाम पर कंपनी का नाम टेस्ला रखा गया।
हुंडई और BMW
क्या होता है हुंडई और BMW नाम का मतलब?
दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनी हुंडई के नाम के पीछे कुछ खास इतिहास या वजह नहीं है। हुंडई का मतलब वर्तमान युग या अधुनिकता होता है।
वहीं, जर्मन लग्जरी ऑटो कंपनी BMW का नाम जर्मन के बवेरिया (Bavaria) इलाके पर आधारित है। कंपनी के इंजन बवेरिया में बनाए जाते थे। उस दौरान कंपनी का नाम बवेरियन मोटर वर्क्स हुआ करता था। बाद में इसको ही संक्षिप्त में BMW कर दिया गया।