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अप्रैल में शुरू हो जाएगा GPS आधारित टोल वूसली सिस्टम, गडकरी ने दिए संकेत
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव से पहले GPS आधारित टोल वूसली सिस्टम शुरू करने के संकेत दिए हैं

अप्रैल में शुरू हो जाएगा GPS आधारित टोल वूसली सिस्टम, गडकरी ने दिए संकेत

Feb 09, 2024
12:52 pm

क्या है खबर?

देशभर में हाईवे पर टोल वसूली के लिए फास्टैग की जगह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह सिस्टम शुरू किया जा सकता है। यह बदलाव अप्रैल में हो सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले टोल वसूली के इस नए सिस्टम को लागू करने के संकेत दिए हैं। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने नए टोल वसूली सिस्टम के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया है।

फास्टैग 

चरणबद्ध तरीके से समाप्त होगा फास्टैग

राजमार्गों पर टोल भुगतान करने के लिए सभी वाहनों के लिए 2021 से फास्टैग को अनिवार्य किया गया था। अब 3 साल बाद GPS-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने के लिए फास्टैग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है, जिससे टोल प्लाजा का कोई उपयोग नहीं रहेगा। यह सिस्टम पहले से ही कुछ राजमार्गों पर पायलट आधार पर लागू किया गया है। सफल परीक्षण के बाद इस प्रणाली को देशभर में अन्य हाईवे पर लागू किया जाएगा।

अंतर 

फास्टैग से इतना अलग है नया सिस्टम 

फिलहाल हाईवे पर टोल वसूली फास्टैग के माध्यम से की जाती है, जिसमें टोल प्लाजा पर RFID को सपोर्ट करने वाला बैरियर वाहनों पर लगी फास्टैग ID को स्कैन कर टोल काटता है। इसके लिए वाहन को टोल पर रुकना पड़ता है, जिससे वहां कतार लग जाती है। नए सिस्टम में हाईवे पर स्थापित कैमरों के माध्यम से ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान सिस्टम का उपयोग होगा और वाहन द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर टोल कटेगा।