दिखने लगा फास्टैग अनिवार्य होने का फायदा, इसके जरिये टोल कलेक्शन में हुआ इजाफा
हाल ही में मोदी सरकार ने देश में फास्टैग के जरिये टोल का भुगतान करना अनिवार्य किया है। 15 फरवरी रात 12 बजे से देश में फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था। इसके दो दिन के भीतर ही फास्टैग के जरिये 16 प्रतिशत अधिक टोल का भुगतान किया गया। बता दें कि फास्टैग का उपयोग न करने वाले वाहनों के मालिकों को दोगुना टोल देना होगा। इसके कई फायदों को देखकर इसे अनिवार्य किया गया है।
16 प्रतिशत अधिक हुआ फास्टैग के जरिये भुगतान
द प्रिंट के अनुसार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फास्टैग के जरिये 95 करोड़ रुपये के लिए 60 लाख ट्रांजेक्शन्स किए गए हैं। यह संख्या फास्टैग अनिवार्य होने से पहले वाले सप्ताह में किए गए ट्रांजेक्शन्स की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इसके जरिये 11,294 करोड़ रुपये और 2020-21 में 17 फरवरी तक 18,556 करोड़ रुपये टोल दिया गया था।
फास्टैग से आ रहा 85 प्रतिशत टोल- अधिकारी
अधिकारी के अनुसार 39 MoRTH के अंर्तगत आने वाले और राज्य द्वारा संचालित 109 समेत सभी 631 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजाओं पर फास्टैग चालू था। हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद सभी प्लाजाओं को केवल फास्टैग के माध्यम से ही टोल प्राप्त करने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में कुल टोल का 85 प्रतिशत हिस्सा फास्टैग के माध्यम से आ रहा है। 100 प्रतिशत फास्टैग अनिवार्य होने के बाद 100 प्रतिशत टोल कलेक्शन की उम्मीद है।
लाखों लोगों ने किया इसके लिए आवेदन
जानकारी के लिए बता दें कि देश में पूरी तरह से फास्टैग अनिवार्य होने के बाद भारत एक मात्र ऐसा देश बन जाएगा, जहां सभी टोल प्लाजाओं पर टोल प्राप्त करने के लिए सिर्फ एक ही इलेक्ट्रॉनिक साधन फास्टैग का उपयोग होगा। फास्टैग के अनिवार्य होने के बाद 19 फरवरी तक 9.2 लाख से अधिक वाहनों के मालिकों ने इसके लिए आवेदन किया है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में इससे अधिक टोल मिलने की उम्मीद है।
क्या है फास्टैग और कैसे होता है इसका उपयोग?
फास्टैग टोल प्लाजाओं पर इलेक्टॉनिक माध्यम से टोल प्राप्त करने के लिए है। इसे सबसे पहले 2016 में पेश किया गया था। यह एक स्टीकर की तरह होता है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर लग जाता है। इसमें अलग-अलग वाहन के लिए अलग-अलग कोड होता है और टोला प्लाजा पर वह कोड स्कैन होकर अपने आप वाहन के अनुसार टोल कट जाता है। इसे पेटीएम और अमेजन आदि के माध्यम से खरीदा जा सकता है।
क्या हैं इसके फायदे?
फास्टैग के कई फायदे हैं। इससे टोल कलेक्शन बढ़ेगा और कोई भी वाहन बिना टोल दिए टोल प्लाजाओं को पार नहीं कर पाएगा। इसके अलावा इससे टोल प्लाजाओं पर ट्रैफिक नहीं लगेगा और टोल देने के लिए लोगों को लंबी लाइन में नहीं लगना होगा। इससे आसानी से और जल्द टोल का भुगतान हो सकेगा। बता दें कि केंद्र सरकार फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए 1 मार्च तक फ्री में इसे उपलब्ध करा रही है।