स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम NavIC क्या है? जिसे स्मार्टफोन्स के लिए अनिवार्य करने पर हो रहा विचार
क्या है खबर?
देश में बेचे जाने सभी स्मार्टफोन के लिए स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) अनिवार्य हो सकता है। इसे नाविक भी कहा जाता है।
दरअसल, सरकार 1 जनवरी, 2025 तक सभी 5G स्मार्टफोन्स में इसका सपोर्ट अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
टेक दिग्गज ऐपल ने भी आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस में NavIC का सपोर्ट दिया है।
ऐसे में आइये जानते हैं कि NavIC क्या है और इसे किसने विकसित किया है।
नेविगेशन
ISRO द्वारा विकसित किया गया NavIC
NavIC भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक स्वतंत्र नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है।
इसमें 8 सैटेलाइट शामिल हैं जो भारत के पूरे क्षेत्र और सीमाओं से 1,500 किलोमीटर दूरी तक के इलाके को कवर करता है।
इसके लिए वर्ष 2006 में लगभग 1,400 करोड़ रुपये के बजट की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2011 के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और 2018 में इसका संचालन शुरू हुआ।
उपयोग
NavIC का उपयोग
वर्तमान में NavIC का उपयोग सीमित है। अभी इसका इस्तेमाल देश में सार्वजनिक वाहन ट्रैकिंग के लिए किया जाता है।
इसके अलावा समुद्री मछुआरों को आपातकालीन अलर्ट भेजने के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है जहां स्थलीय नेटवर्क कनेक्टिविटी बहुत कम या बिल्कुल भी नहीं है।
इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखने के लिए भी किया जा रहा है।
इसका इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार स्मार्टफोन कंपनियों को भारत में NavIC अपनाने के लिए जोर दे रही है।
भारत
भारत क्यों बढ़ाना चाहता है NavIC का इस्तेमाल?
सरकार विदेशी नेविगेशन टेक्नोलॉजी पर निर्भरता खत्म करना चाहती है और इसकी जगह भारत अपनी खुद की तकनीक अपनाना चाहती है।
जब रणनीतिक क्षेत्रों की बात आती है तो यह मुद्दा और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
सरकार ने पहले भी कहा है कि स्वदेशी पोजिशनिंग सिस्टम होने के चलते NavIC का कंट्रोल भारत के पास है।
ऐसे में दो देशों के बीच तनाव आदि स्थिति में नेविगेशन सिस्टम के इस्तेमाल को रोके जाने का कोई खतरा नहीं है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
विश्व में नेविगेशन के लिए बड़े पैमाने पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) इस्तेमाल होता है। अमेरिका का यह नेविगेशन सिस्टम वैश्विक कवरेज प्रदान करता है।
दुनिया में 3 अन्य नेविगेशन सिस्टम GPS की तरह वैश्विक कवरेज प्रदान करते हैं। इनमें यूरोपीय संघ (EU) का गैलीलियो, रूस का ग्लोस्नास और चीन का बेइदो है।
जापान का क्वासी जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम (QZSS) और भारत का NavIC नेविगेशन सिस्टम वैश्विक नेविगेशन सुविधा नहीं देते, लेकिन अपने-अपने देश में इनका इस्तेमाल हो रहा है।