अब पुराने वाहनों से वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स, प्रस्ताव को मिली मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, अभी इस प्रस्ताव को लेकर कोई आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। वैसे तो कई राज्यों में पहले से ही पुराने वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाता है, लेकिन अब यह टैक्स देश के सभी पुराने वाहनों को देना होगा। देश में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
किन वाहनों पर लगेगा यह टैक्स?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आठ साल पुराने वाहनों के मालिकों को ग्रीन टैक्स देना होगा। इसके साथ ही 15 साल से ज्यादा पुरानी उन कारों को अनरजिस्टर्ड और खत्म कर दिया जाएगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के स्वामित्व में हैं। इसका मतलब PSUs और सरकारी विभागों में उपयोग होने वाली 15 साल से अधिक पुरानी कारों को नष्ट कर दिया जाएगा। सरकारी वाहनों के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी 1 अप्रैल 2022 से लागू होगी।
कितना और कब भरना होगा ग्रीन टैक्स?
इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से अधिसूचित करने से पहले परामर्श के लिए सभी राज्यों को भेजा जाएगा। आठ साल से पुराने परिवहन वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के समय ग्रीन टैक्स भरना होगा। वहीं, निजी वाहनों को 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के समय ग्रीन टैक्स देना होगा। पुराने वाहनों के मालिकों पर रोड टैक्स का 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच ग्रीन टैक्स लगेगा। सिटी बसों आदि से कम ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा।
अधिक प्रदूषित शहरों में लगेगा सबसे ज्यादा ग्रीन टैक्स
इस फैसले में सबसे ज्यादा परेशानी अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को होगी क्योंकि अत्याधिक प्रदूषित शहरों में वाहनों को दोबारा रजिस्टर्ड कराने पर सबसे ज्यादा ग्रीन टैक्स लगेगा। उन पर रोड टैक्स का लगभग 50 प्रतिशत ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों पर अलग-अलग ग्रीन टैक्स लगेगा। हालांकि, CNG, LPG, इथेनॉल और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ खेती में उपयोग होने वाले वाहनों पर भी ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा।
क्या होंगे इसके फायदे?
सरकार द्वारा यह निर्णय पर्यावरण को साफ करने के लिए लिया गया है। ग्रीन टैक्स के माध्यम से मिलने वाले पैसे का उपयोग प्रदूषण को कम करने और उससे निपटने के लिए किया जाएगा। इससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक प्रदूषण करने वाले पुराने वाहनों का उपयोग करने पर रोक लगाने और लोगों को कम प्रदूषण करने वाले वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने में काफी मदद मिलेगी।